सुशांत मामले में बीएमसी ने बिहार के आईपीएस को क्वारंटाइन में पूछताछ जारी रखने के लिए रखी थी ये शर्त
पटना। सुशांत सिंह राजपूत की मौत की गुत्थी सुलझाने मुंबई गयी पटना पुलिस की एसआईटी गुरुवार की दोपहर वापस लौट आई। स्पाइस जेट विमान से साढ़े बारह बजे एसआईटी में शामिल चार पुलिसकर्मी पटना के जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे।
बताया जा रहा है इससे पहले बीएमसी ने सुशांत मामले में जांच के लिए आई बिहार पुलिस की टीम को डिजिटल तरीकों से बातचीत करने का सुझाव दिया था।बिहार पुलिस ने तीन अगस्त को पत्र लिखकर बीएमसी द्वारा 14 दिन के लिए पृथक-वास में भेजे गए पटना के पुलिस अधीक्षक विनय तिवारी के लिए छूट देने की मांग की थी। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने मंगलवार को एक पत्र में बिहार पुलिस से कहा कि शहर में पूछताछ के लिए जूम, गूगल मीट, जियो मीट, माइक्रोसॉफ्ट टीम्स या अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जाए। बीएमसी के अतिरिक्त निगम आयुक्त पी वेलरासू के हस्ताक्षर वाले पत्र में कहा गया, डिजिटल प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल से तिवारी उन अधिकारियों में संक्रमण नहीं फैला सकेंगे, जिनसे वह मिल रहे हैं, क्योंकि बिहार में कोरोना महामारी तेजी से फैल रही है। साथ ही वह खुद भी मुंबई में महाराष्ट्र सरकार के अनेक अधिकारियों से मुलाकात के दौरान संक्रमित नहीं होंगे। बीएमसी ने कहा कि तिवारी को महाराष्ट्र सरकार के सभी नियम और शर्तों का पालन करना चाहिए।
वही दूसरी ओर कल महाराष्ट्र सरकार ने सुपीम कोर्ट से कहा था, हम पेशेवर तरीके से ही अपना काम कर रहे हैं और मुंबई पुलिस को इस तरह से लांछित करना अनुचित है। रिया चक्रवर्ती की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा कि इस मामले के लंबित होने के दौरान उसके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। पीठ ने टिप्पणी की, हम चाहते हैं कि सभी पक्ष संयम बरतें। वकील यहां पर हैं और निश्चित ही सबने आपको सुना है।
महाराष्ट्र की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने कहा कि इस मामले मे प्राथमिकी दर्ज करने या फिर जांच करने का पटना पुलिस को कोई अधिकार नहीं है और अब इसे एक राजनीतिक मामला बना दिया गया है। इस पर पीठ ने टिप्पणी की कि (बिहार के) पुलिस अधिकारी को क्वारंटाइन करने का अच्छा संदेश नहीं गया है, हालांकि मुंबई पुलिस की बेहतरीन छवि है। यह सुनिश्चित किया जाये कि सब कुछ कानून के अनुसार ही हो।