पटना। 17वीं बिहार विधानसभा में पहुंचने वाले चेहरे घोषित हो चुके हैं। राज्य की इस उच्च पंचायत का सामाजिक चेहरा देखें तो उसमें सामाजिक न्याय की झलक दिखती है। विभिन्न जाति-वर्ग का प्रतिनिधित्व तो सदन में दिखेगा ही, मगर वर्चस्व पिछड़ों और अति पिछड़ों का रहेगा। इसे यदि किसी एक जाति पर केंद्रित करें तो विधानसभा पहुंचने वाले सर्वाधिक 54 चेहरे यादव जाति के हैं, जबकि अन्य पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों से सदन में आने वालों की संख्या 46 है।
जाति और राजनीति का चोली- दामन का साथ रहा है। खासतौर से बिहार में तो सामाजिक आधार का रोल और खास हो जाता है। सामाजिक आधार पर अगली विधानसभा में 40 प्रतिशत से अधिक संख्या में पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों के सदस्य रहेंगे। यादवों की बात करें तो एनडीए से 14 और महागठबंधन से 41 यादव जीते हैं। हालांकि पिछले चुनाव की तुलना में यह संख्या सात कम है।
वहीं, सवर्ण जाति के प्रतिनिधियों की संख्या 64 होगी। इनमें एनडीए के 45, महागठबंधन के 17 और लोजपा व निर्दलीय एक-एक हैं। इसमें राजपूत, ब्राह्मण, भूमिहार, कायस्थ शामिल हैं। मुस्लिम सदस्यों की संख्या 20 है, जिसमें 14 महागठबंधन से, पांच एआईएमआईएम और एक बसपा से जीते हैं। 39 दलित और महादलित सदस्य भी सदन में बैठेंगे। इनमें एनडीए कोटे के 22 और महागठबंधन के 17 सदस्य हैं। जबकि विधानसभा पहुंचने वाले वैश्य चेहरों की संख्या 20 है। इनमें से 14 एनडीए से हैं।
सदन में यह होगी जातिवार स्थिति
यादव-54
मुस्लिम-20
सवर्ण-64
पिछड़ा-अति पिछड़ा-45
वैश्य-20
दलित-39
जदयू के जीते 43 प्रत्याशी
सवर्ण : 09
दलित : 08
यादव : 06
पिछड़ा-अतिपिछड़ा : 20
भाजपा से जीते 74 प्रत्याशी
यादव - 07
भूमिहार - 08
राजपूत - 17
पंडित- 05
कायस्थ : 03
ईबीसी : 04
वैश्य : 14
कुर्मी-कुशवाहा: 06
एससी-एसटी : 10
हम :
दलित : 03
सवर्ण : 01
वीआईपी
यादव-01
राजपूत-2
दलित-01
लोजपा :
सवर्ण : 01
राजद से जीते 74 प्रत्याशी
यादव- 36
कुशवाहा- 06
वैश्य-03
राजपूत-05
भूमिहार-01
ब्राह्मण-02
अति पिछड़ा-05
दलित-08
मुस्लिम-09
कांग्रेस के जीते हुए उम्मीदवार
राजपूत- 02
भूमिहार-03
ब्रह्मण- 03
दलित -04
यादव-01
वैश्य-01
मुस्लिम- 04
अज- 01
माले प्रत्याशी
कुशवाहा -04
यादव -02
दलित -03
मुस्लिम -01
वैश्य -02
सीपीएम
कुशवाहा -01
यादव -01
सीपीआई
भूमिहार -01
दलित -01
एआईएमआईएम
मुस्लिम -5
बसपा
मुस्लिम - 1
निर्दलीय
भूमिहार-1