Trump Tariff: भारत को मिलेगी ट्रंप टैरिफ से राहत, सरकार ने बनाया मजबूत प्लान, जानें डिटेल्स
Trump Tariff: अमेरिका ने अपने द्वारा लगाए टैरिफ को 90 दिनों तक टाल दिया था l इसके बीच भारत ने अमेरिका के लिए बड़ा प्लान तैयार किया है l;

Trump Tariff: भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों में एक नई दिशा की शुरुआत हो चुकी है। हाल ही में अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने भारत पर प्रस्तावित 26 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क को 90 दिनों के लिए टाल दिया है, जिससे भारतीय उद्योग जगत में राहत की लहर दौड़ गई है। अब सवाल यह है कि इस राहत की अवधि खत्म होने के बाद भारत की रणनीति क्या होगी?
सूत्रों की मानें तो भारत सरकार ने इन 90 दिनों को बेहद गंभीरता से लेते हुए एक ठोस एक्शन प्लान तैयार किया है। इसका मकसद है अमेरिका के साथ एक अंतरिम द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देना। अधिकारियों का कहना है कि अगर सब कुछ योजनानुसार चला, तो 90 दिनों में यह डील साकार हो सकती है।
भारत और अमेरिका के बीच बातचीत में तेजी
जानकारी के मुताबिक, भारत और अमेरिका ने बीटीए के लिए प्राथमिक नियम और शर्तें तय कर ली हैं। दोनों देशों की टीमों के बीच वर्चुअल बैठकें लगातार चल रही हैं और कुछ मामलों में आमने-सामने की बातचीत के लिए यात्राओं की योजना भी बनाई जा रही है। वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों का मानना है कि भारत अन्य देशों की तुलना में अमेरिका के साथ व्यापार समझौते की दिशा में कहीं अधिक आगे बढ़ चुका है।
सरकार का लक्ष्य है कि सितंबर-अक्टूबर 2025 तक बीटीए के पहले चरण को अंतिम रूप दिया जाए। इसका व्यापक उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 2030 तक 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है।
व्यापार टैरिफ पर स्पष्ट रुख
सरकार ने फिलहाल 10 प्रतिशत मूल टैरिफ को बरकरार रखा है, लेकिन 26 प्रतिशत के जवाबी शुल्क को 90 दिन के लिए टालने का अमेरिकी फैसला भारत के लिए एक रणनीतिक अवसर लेकर आया है। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने स्पष्ट किया है कि भारत किसी भी प्रकार के दबाव में आकर समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा, “हम बंदूक की नोक पर कोई डील नहीं करते। भारत की सभी व्यापार वार्ताएं ‘इंडिया फर्स्ट’ के सिद्धांत पर आधारित हैं।”
पियूष गोयल ने यह भी स्पष्ट किया कि जल्दबाजी में कोई भी कदम देशहित में नहीं होगा। सरकार का ध्यान एक संतुलित, पारदर्शी और भारत के आर्थिक हितों की रक्षा करने वाले समझौते पर है।
शेयर बाजार और रुपया भी मजबूत
अमेरिका के इस कदम के बाद भारत में निवेशकों ने भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। शेयर बाजार में उछाल देखा गया और रुपया भी डॉलर के मुकाबले मजबूत हुआ। विशेषज्ञों का मानना है कि यह विश्वास का संकेत है कि भारत अमेरिका के साथ मजबूत आर्थिक रिश्ते बनाने की दिशा में ठोस कदम उठा रहा है।