पीताम्बरा नगरी में शराबबंदी के लिए मुख्यमंत्री का नागरिक अभिनंदन: हानि स्वीकार पर धार्मिक नगरी में शराब नहीं चलेगी…
दतिया को पर्यटन के रूप में विकसित किया जाएगा;

दतिया। जन भावनाओं का ध्यान रखते हुए 17 धार्मिक स्थानों की पवित्र गरिमा को बनाए रखने के लिये शराब बंदी का प्रयास किया है, इसके लिये शासन ने राजस्व की हानि स्वीकार की है। राज्य शासन द्वारा प्रदेश के धार्मिक शहरों में शराबबंदी का निर्णय इसी दिशा में एक कदम है।
यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शराबबंदी लागू करने के लिए आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि धार्मिक आस्थाओं का सम्मान करते हुए प्रदेश सरकार ने ये बड़ा कदम उठाया है और भविष्य में भी भाजपा सरकार इसी तरह जनहित में फैसले लेती रहेगी। मीडिया से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दतिया सहित प्रदेश में जहां-जहां देवी मां की कृपा है, वहां देवी लोक विकसित किए जाएंगे। चित्रकूट सहित भगवान श्रीराम से जुड़े प्रदेश के सभी स्थानों का श्रीराम वनपथ गमन मार्ग के अंतर्गत उन्नयन किया जा रहा है। इसी प्रकार भगवान श्रीकृष्ण की जहां-जहां भी लीलाएं हुईं, उन स्थानों को भी तीर्थ के रूप में विकसित करने के लिए बजट में प्रावधान किया गया है।
ताकि आस्था के साथ-साथ रोजगार और विकास को भी बढ़ावा मिल सके। ये माई का आशीर्वाद ही है कि 17 धार्मिक नगरियों में शराबबंदी संभव हो सकी प्रदेश की बेहतरी के लिए कई बड़े फैसले लिए गए हैं और ये सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सुशासन की ओर अग्रसर हो रही हमारी सरकार पर जनता की सेवा और कल्याण के लिए पीताम्बरा माई अपना आशीर्वाद बनाए रखें-यही प्रार्थना है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने माँ पीताम्बरा माई के दरबार में दर्शन कर पूजा-अर्चना की। उनके साथ पूर्व गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, सेंवढ़ा विधायक प्रदीप अग्रवाल सहित जन-प्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे। इसके बाद वह पीतांबरा पीठ ट्रस्ट की अध्यक्ष और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया से मुलाकात करने पहुंचे।