कांग्रेस के तंज पर शिवराज का जवाब - मैं एक बार नहीं सत्रह बार जनता को प्रणाम करूंगा

Update: 2020-10-11 15:21 GMT

दतिया। उपचुनाव की बढ़ती सरगर्मी के बीच दोनों दलों के नेता एक-दूसरे पर आरोप -प्रत्यारोप लगाने के साथ तंज कसते नजर आ रहे है। सुवासरा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा घुटने टेककर आम जनों को प्रणाम करने पर कांग्रेस ने तंज कसा था। जिसका मुख्यमंत्री ने भांडेर में आमजन को संबोंधित करते हुए जवाब दिया। उन्होंने कहा की सुवासरा में मैंने आमजनों को घुटने टेककर प्रणाम किया, तो कांग्रेसी नाराज हो गए। कहने लगे कि शिवराज ने तो घुटने टेक दिये। कांग्रेस के लोग जनता को कुचलने, तबाह करने का काम करते हैं। जनता को कुचलना इनके संस्कार हैं और इन्होंने आपातकाल में भी यही किया था। लेकिन मेरे लिए पूरा प्रदेश मंदिर है, उसमें रहने वाली जनता मेरी भगवान है। इसलिए मैं तो जनता को प्रणाम करूंगा, क्योंकि ये भाजपा के संस्कार हैं। मैं एक बार नहीं सत्रह बार जनता को प्रणाम करूंगा और जिसे जलना है, वो जलता रहे। 

मरी हुई चुहिया निकली कांग्रेस की कर्जमाफी -

उन्होंने कहा कि 15 साल बाद जब कांग्रेस की सरकार आई, तो हमने सोचा था कि ये सरकार कुछ अच्छा करेगी, वादे पूरे करेगी। लेकिन कांग्रेस की सरकार ने जिस कर्जमाफी के धोखे से जनता को बरगलाया था, वो कर्जमाफी भी पहाड़ नहीं, बल्कि मरी हुई चुहिया निकली। 55 हजार की कर्जमाफी को कमलनाथ सरकार शर्तें जोड़-जोडक़र 6000 करोड़ तक ले आई और इसमें से भी आधी रकम बैंकों के सिर मढ़ दी। पार्टी के कार्यकर्ता जनता को बताएं कि कर्जमाफी के नाम पर कमलनाथ सरकार ने किस तरह किसानों को धोखा दिया है। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने घोषणा की थी कि हमारी सरकार बनने पर सभी किसानों का दो लाख तक का कर्ज माफ होगा। लेकिन जब सरकार बनी, तो कहने लगे सिर्फ अल्पकालीन फसली ऋण ही माफ होगा। लाखों किसान कर्जमाफी से बाहर हो गए। फिर कहने लगे 31 मार्च 2018 तक का कर्ज माफ करेंगे, कई किसान बाहर हो गए। फिर बोले सिर्फ कालातीत ऋण ही माफ करेगे, चालू खातों का नहीं। फिर कहने लगे जिनका एक ही बैंक में खाता है, उनका कर्जमाफ होगा। कांग्रेस सरकार ने कर्जमाफी के नाम पर जो धोखा दिया है, उससे लाखों किसान मुसीबत में आ गए हैं। उनके सिर पर ब्याज की गठरी चढ़ गई है। लेकिन किसान भाइयो, चिंता मत करना ब्याज की गठरी मामा उतरवाएगा।

विकास ठप, योजनाएं बंद कर दीं -

उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार ने आते ही प्रदेश का विकास ठप कर दिया, गरीबों के हित की योजनाएं बंद कर दीं। हम बच्चों की फीस भरते थे, कमलनाथ सरकार ने बंद कर दी। हम बहनों को लड्डू के 16000 देते थे, बंद कर दिए। कन्यादान योजना की राशि नहीं दी, मुखिया की मौत पर गरीब परिवारों को मिलने वाली सहायता राशि बंद कर दी। कमलनाथ, तुमने तो गरीबों को अंतिम संस्कार के लिए मिलने वाले 5000 रुपये भी छीन लिए। बुजुर्गों का तीर्थदर्शन बंद करा दिया, बच्चों के लेपटॉप, स्मार्टफोन छीन लिए। उन्होंने उपस्थित कार्यकर्ताओं से पूछा कि ये प्रदेश की जनता के साथ धोखा था कि नहीं था?

जनता के लिए गिराई सिंधिया जी ने बेईमान सरकार

शिवराज ने कहा कि सिंधिया जी ने कमलनाथ को चेताया कि जनता से किए गए वादे पूरे करो। लेकिन उन्होंने सिंधिया जी को सडक़ पर उतरने की चुनौती दे दी। सिंधिया जी ने सरकार को सडक़ पर ला दिया। सिंधिया जी ने आपके लिए, प्रदेश की जनता के लिए उस बेईमान सरकार को गिरा दिया। उन्होंने कहा कि कमलनाथ ने वल्लभभवन को लूट का अड्डा बना दिया था। प्रदेश को दलाली का अड्डा बना दिया और उसे बेचने की साजिश कर रहे थे। इसलिए सिंधिया जी ने सरकार गिराई।

ये हर कार्यकर्ता का चुनाव 

उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में नए भारत का निर्माण हो रहा है। हम मध्यप्रदेश के विकास में भी कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। कॉलेज भी बनेंगे, स्टेडियम भी बनेंगे। सरकारी भर्तियां भी शुरू होंगी। आने वाले तीन सालों में कई काम करना हैं। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि ये सरकार बनी रहे। इसलिए आप इस चुनाव को किसी उम्मीदवार का चुनाव नहीं, बल्कि भाजपा का चुनाव, हर कार्यकर्ता का चुनाव मानकर लड़ें। हर कार्यकर्ता सभी सीटों पर कमल खिलाने का संकल्प ले और 3 नवंबर तक समय पार्टी के प्रचार के लिए दें।



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