भारत अपनी सीमा पर हर रोज नई-नई चुनौतियों का सामना कर रहा : सेना प्रमुख
नईदिल्ली। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि भारत अपनी सीमा पर हर रोज नई-नई चुनौतियों का सामना कर रहा है। उन्होंने प्रशिक्षण लेने वाले जवानों से ऐसे सभी घटनाक्रमों पर अपनी पूरी पकड़ बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन सेना प्रमुख ने डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी) को बेहतरीन व्यावसायिक सैन्य प्रशिक्षण के लिए सराहा।
सेना प्रमुख तमिलनाडु के वेलिंगटन स्थित डीएसएससी के दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन मंगलवार को 'पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर विकास और भविष्य के रोड मैप पर उनके प्रभाव' पर एक व्याख्यान दिया। जनरल नरवणे ने 76वें स्टाफ कोर्स में भाग लेने वाले संकाय और अधिकारियों से मुलाक़ात के दौरान कहा कि राष्ट्र अपनी सीमाओं के साथ नए सिरे से चुनौतियों का सामना कर रहा है। उन्होंने सेना के प्रशिक्षु छात्रों को ऐसे सभी घटनाक्रमों से जुड़े रहने की आवश्यकता पर जोर दिया है। कॉलेज के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल एमजेएस कहलों ने सेना के तीनों अंगों के बीच संयुक्तता पर व्यावसायिक सैन्य प्रशिक्षण के विशिष्ट संदर्भ के साथ चल रही प्रशिक्षण गतिविधियों और नई पहलों के समावेश पर सेना प्रमुख को जानकारी दी।
सेना प्रमुख को पेशेवर सैन्य शिक्षा के लिए उत्कृष्टता केंद्र के रूप में डीएसएससी की भूमिका को बढ़ाने की दिशा में एक कदम के तौर पर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और ढांचागत विकास में किए जा रहे बदलावों के बारे में भी बताया गया। उन्होंने कोविड-19 महामारी की बाधाओं के बावजूद प्रशिक्षण की बहुत बेहतर स्थिति बनाए रखने के लिए कॉलेज की सराहना की। सेना प्रमुख को प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और अवसंरचनात्मक विकास में किए जा रहे बदलावों के बारे में डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज की भूमिका के बारे में बताया गया जो पेशेवर सैन्य शिक्षा के लिए उत्कृष्टता केंद्र के रूप में है। लेफ्टिनेंट जनरल एमजेएस कल्हन ने नरवणे को तीनों सेनाओं के जवानों को संयुक्त रूप से दिए जाने वाले विशेष प्रशिक्षण का ब्योरा दिया। उन्होंने व्यावसायिक सैन्य प्रशिक्षण का उल्लेख किया। सेना प्रमुख ने डीएसएससी को बेहतरीन व्यावसायिक सैन्य प्रशिक्षण के लिए सराहा।
उन्होंने पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर जारी बदलावों और भारतीय सेना के भावी रणनीतिक प्रभावों पर अपने विचार रखे। जनरल नरवणे ने स्टाफ कोर्स में शामिल फैकल्टी और अफसरों को दिए अपने संबोधन में देश की सीमा पर बदलती परिस्थितियों और पैदा हुई नई चुनौतियों पर बल दिया। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वह इन घटनाक्रमों पर अपनी पैनी नजर बनाए रखें। इस अवसर पर सेना प्रमुख को डीएसएससी के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में किए गए बदलावों की जानकारी दी गई।