कैबिनेट निर्णय : अटल इनोवेशन मिशन को वर्ष 2023 तक जारी रखने की दी मंजूरी

Update: 2022-04-08 14:26 GMT

नईदिल्ली। केंद्र सरकार ने अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) को वर्ष 2023 तक जारी रखने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में अटल इनोवेशन मिशन को मार्च 2023 तक जारी रखने की मंजूरी दे दी गई। इस मिशन के अंतर्गत 10 हजार 'अटल टिंकरिंग लैब्स', 101 'अटल इनक्युबेशन सेंटर्स' और 50 'अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर्स' स्थापित किए जाएंगे। 

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में हुए फैसले की जानकारी दी। एआईएम देश में एक नवाचार की संस्कृति और उद्यमशीलता से संबंधित इकोसिस्टम विकसित करने के अपने अभीष्ट लक्ष्य पर काम करेगा। एआईएम द्वारा यह काम अपने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से किया जाएगा। 

एआईएम द्वारा प्राप्त किए जाने वाले लक्ष्य में 10,000 अटल टिंकरिंग लैब (एटीएल) की स्थापना करना, 101 अटल इन्क्यूबेशन सेंटर (एआईसी) की स्थापना करना, 50 अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर (एसीआईसी) की स्थापना और अटल न्यू इंडिया चैलेंजेज के माध्यम से 200 स्टार्टअप को सहायता प्रदान करना है। उपरोक्त सेंटरों की स्थापना और लाभार्थियों को सहायता प्रदान करने की इस प्रक्रिया में कुल 2 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निर्धारित बजट खर्च किया जाएगा। 

अटल इनोवेशन मिशन को वित्त मंत्री द्वारा वर्ष 2015 के बजट भाषण में की गई घोषणा के अनुरूप नीति आयोग के तहत स्थापित किया गया है। एआईएम का मुख्य उद्देश्य स्कूल, विश्वविद्यालय, अनुसंधान संस्थानों, सूक्ष्य, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) और उद्योगों के स्तरों पर विभिन्न उपायों के माध्यम से देश भर में नवाचार और उद्यमिता का एक इकोसिस्टम बनाना और उसे बढ़ावा देना है। 

एआईएम ने राष्ट्रीय हित के विभिन्न विषयों से संबंधित नवाचार की चुनौतियों का भी समाधान किया है। एआईएम के कार्यक्रमों में 34 राज्यों एवं केन्द्र - शासित प्रदेशों को शामिल किया गया है, जिसका लक्ष्य नवाचार से जुड़े इकोसिस्टम में अधिक से अधिक भागीदारी को प्रेरित करते हुए भारत के जनसांख्यिकी लाभांश का फायदा उठाना है।केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा जारी रखे जाने की मंजूरी मिलने के साथ, एआईएम के जिम्मे नवाचार से संबंधित एक ऐसा समावेशी इकोसिस्टम बनाने का एक और भी बड़ा दायित्व आ गया है, जिसमें नवाचार और उद्यमिता की गतिविधियों में संलग्न होना लगातार आसान होता जाए।

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