हाथ का बैंड अब कोरोना संक्रमण के शुरुआती स्तर पर ही करेगा अलर्ट
नई दिल्ली। आईआईटी मद्रास ने कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए हाथ में पहनने वाला एक ऐसा बैंड बनाया है, जो एकदम शुरुआती स्तर पर ही किसी इंसान को संक्रमण के बारे में बता सकता है। यह बैंड अगले माह तक बाजार में आ सकता है।
आईआईआईटी मद्रास में स्टार्ट अप म्यूज वियरेबेल्स की शुरुआत पूर्व छात्रों के एक समूह ने एनआईटी वारंगल के पूर्व छात्रों के साथ मिलकर की है। इन ट्रैकर्स को 70 देशों में लांच करने की योजना है। हाथ के ट्रैकर में शरीर के तापमान को मापने, हृदय गति तथा एसपीओ-2 (ब्लड ऑक्सीजन सघनता) को मापने के लिए सेंसर लगे है, जो लगातार इन पर नजर रखकर संक्रमण के शुरुआती स्तर में ही पता लगाने में मदद कर सकता है।
यह ट्रैकर ब्लूटूथ से चलेगा और इसे म्यूज हेल्थ ऐप के जरिये मोबाइल फोन से जोड़ा जा सकता है। उपयोगकर्ता के शरीर से जुड़ी व अन्य गतिविधियों की जानकारी फोन और दूरस्थ सर्वर में इकट्ठा हो जाएगी। उपयोगकर्ता यदि किसी निरुद्ध क्षेत्र में जाता है, तो आरोग्य सेतु ऐप के जरिये उसे संदेश मिल जाएगा। एनआईटी वारंगल से स्नातक के. प्रत्यूषा ने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य ऐसे मरीजों की पहचान में मदद करना है, जिन्हें कोविड-19 निमोनिया पहले हो सकता है ताकि उनका और प्रभावी तरीके से इलाज किया जा सके।
आईआईटी मद्रास के पूर्व छात्र केएलएनसाई प्रशांत ने बताया, '' हमारा इस वर्ष दो लाख उत्पाद की ब्रिकी का लक्ष्य है और 2020 तक पूरी दुनिया में 10 लाख ट्रैकर बेचने की योजना है। निवेशकों को हमारे नवोन्मेष पर भरोसा है। उन्हें लगता है कि हम उपभोक्ता तकनीक जगत में भारी बदलाव ला सकते हैं। हम 22 करोड़ रुपये इकट्टा करने में सफल हो गए हैं। इस ट्रैकर की कीमत 3500 रुपये है और यह 70 देशों में अगस्त तक आ जाएगा।