नईदिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज पेश किए गए वित्त वर्ष 2021-22 के बजट को लेकर कांग्रेस ने सरकार को घेरा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि एक बार फिर लोगों के हाथों में पैसा देने को महत्व नहीं दिया गया। ये सरकार सिर्फ कुछ उद्योगपति दोस्तों को देश की संपत्ति सौंपना चाहती है।
राहुल गांधी ने सोमवार को बजट पेश होने के बाद ट्वीट कर कहा, ''सरकार लोगों के हाथों में पैसे देने के बारे में भूल गई। मोदी सरकार की योजना भारत की संपत्तियों को अपने पूंजीपति मित्रों को सौंपने की है।'' राहुल ने यह आरोप आम बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बिक्री से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखे जाने को लेकर लगाया है।
दरअसल, सरकार ने अगले वित्त वर्ष में दो सरकारी बैंकों और एक बीमा कंपनी में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री का इरादा जताया है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा है कि अगले वित्त वर्ष में आईडीबीआई बैंक, बीपीसीएल, शिपिंग कॉरपोरेशन, नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड और अन्य कंपनियों का विनिवेश किया जाएगा।
खेती और किसान की अनदेखी जारी - रणदीप सुरजेवाला
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी ट्वीट कर कहा कि सरकार के बजट में खेती और किसान की अनदेखी जारी है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने खेती का बजट छह प्रतिशत और पीएम किसान सम्मान का बजट 13 प्रतिशत घटाया। इसके अलावा, मार्केट इंटर्वेन्शन स्कीम का बजट भी 25 फीसदी घटा दिया गया है। जबकि लोगों को राहत देने कि घोषणा करने वाली सरकार ने न तो काले क़ानून ख़त्म किए, न ही खेती पर जीएसटी ख़त्म की और ना ही डीज़ल की क़ीमतें कम हुई। उन्होंने पूछा कि आखिर सरकार किस प्रकार लोगों को राहत पहुंचाने के दावे कर रही है।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा - मोदी सरकार के #बजट में एयरपोर्ट से लेकर रेल, गोदाम से लेकर बंदरगाह, सड़क से लेकर रेल, बिजली ट्रांसमिशन लाइन से लेकर BHEL तक सब सरकारी सम्पति बेच डालेंगे। इसीलिए तो -: बेच खाएँगे सब कुछ, नही छौड़ेंगे अब कुछ ।