भारत में लॉकडाउन के चौथे चरण में छूट के बाद बढ़े कोरोना मामले

Update: 2020-05-23 05:05 GMT

नई दिल्ली। देश में लॉकडाउन के चौथे चरण में आर्थिक गतिविधियां शुरू होते ही कोरोना के संक्रमण में इजाफे का रुझान है। लॉकडाउन के 60 दिन के बाद भी कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी चिंता का सबब बन गई है। शुक्रवार को रिकॉर्ड 6088 मरीजों की बढ़ोत्तरी हुई है।

इधर, कोरोना की जांच में तेजी आई है और रोजाना एक लाख से भी ज्यादा नमूनों की जांच हो रही है। पिछले दो दिनों के आंकड़े देखें तो जांचे गए नमूनों की पॉजीटिव होने की दर 5.6 फीसदी तक पहुंच गई है। जबकि पूर्व में यह चार फीसदी के करीब स्थिर थी। यह पहला मौका है जब एक दिन में छह हजार से ज्यादा मरीज आए हों।

भारत में शुक्रवार को बीते 24 घंटे में कोरोना के 6088 मामले सामने आए। जो दुनिया में एक दिन की चौथी सबसे बड़ी उछाल है। अमेरिका में एक दिन में 28179, ब्राजील में 17564 और रूस में 8849 मामले सामने आए चुके हैं। भारत में पहली बार छह हजार के ऊपर यह आंकड़ा गया।

आईसीएमआर द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले दो दिनों के दौरान कुल 207046 टेस्ट हुए थे। इनमें से पॉजीटिव पाए गए रोगियों की संख्या 11697 है। इनमें 6088 शुक्रवार को और 5609 गुरुवार को आए थे। इस प्रकार यदि दो दिनों के दौरान नमूनों के पॉजीटिव होने की दर देखें तो यह बढ़कर 5.6% तक पहुंच गई है। अभी तक यह 4% पर टिकी थी। 15 मई को जब 20 लाख और दो मई को 10 लाख टेस्ट हुए थे तो संक्रमण दर चार फीसदी या इसके नीचे रही थी।

स्वास्थ्य मंत्रालय एवं आईसीएमआर ने कई मौकों पर कहा था कि संक्रमण की दर स्थिर बनी है। लेकिन यह दावा ध्वस्त होता नजर आ रहा है। हालांकि संक्रमणों के दोगुना होने की अवधि तीन दिन से बढ़ 14 दिन हुई है। यह सकारात्मक है। साथ ही स्वस्थ होने वाले रोगियों का प्रतिशत भी सात से बढ़ 40 पार कर गया है। मृत्यु दर तीन फीसदी से नियंत्रण में बनी हुई है।

नीति आयोग ने अप्रैल में प्रेस कांफ्रेस कर दावा किया था कि 15 मई के बाद कोरोना संक्रमण में कमी का दौर शुरू हो जाएगा। लेकिन उसका यह दावा ध्वस्त हो गया। कमी के बजाय मामले बढ़ने लगे हैं।

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