नई दिल्ली। भारत में कोरोना पीड़ितों के ठीक होने की दर अमेरिका से 20 गुना बेहतर है। अमेरिका में जब संक्रमण के कुल मामले एक लाख थे तब सिर्फ दो फीसदी लोग बीमारी से उबर पाए थे, जबकि भारत में करीब 40 फीसदी लोग पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। दुनिया के कई देशों के मुकाबले भारत में लोगों के स्वस्थ होने की दर काफी ज्यादा है।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने भी ट्वीट कर बताया कि हमारी स्थिति काफी बेहतर है। उन्होंने लिखा कि देश में प्रति दस लाख लोगों पर सिर्फ दो लोगों की मौत हो रही है, जबकि अमेरिका में यह संख्या 275 और स्पेन में 591 है। भारत में मृत्युदर करीब तीन फीसदी है और स्वस्थ होने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
दुनिया में अगर कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने की बात करें तो अमेरिका में दो प्रतिशत, रूस में 11, इटली में 14, तुर्की में 18, फ्रांस में 21, स्पेन में 22, जर्मनी में 29 और भारत में 40 प्रतिशत कोरोना मरीज अभी तक स्वस्थ हो चुके हैं।
कहा जा रहा है कि भारत में सही समय पर कोरोना को लेकर जरूरी कदम उठाए गए। अस्पतालों में सुविधाएं तेजी से बढ़ाई गईं। इस कारण से संक्रमण देरी से फैला और स्वास्थ्य सुविधाएं दुरुस्त होने से सही इलाज मिला।जागरुकता की वजह से लोग जल्दी अस्पतालों तक पहुंचे और उपचार कराया। भारत में युवाओं की संख्या ज्यादा और उनका प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होने से भी मदद मिली है।
अमेरिका में हुई थीं भारत से कम मौतें: एक लाख संक्रमण पर अमेरिका-जर्मनी समेत कई देशों में भारत से कम मौतें हुईं थीं। हालांकि, बाद में अमेरिका में तेजी से मामले बढ़े और मरने वालों की संख्या 90 हजार से भी ज्यादा हो गई। एक लाख के संक्रमण पर कहां रूस में 1073, जर्मनी में 1584, अमेरिका में 2110, तुर्की में 2491, भारत में 3163, ब्राजील में 7025, स्पेन में 9387, फ्रांस में 10869, इटली में 11591 मरीजों की मौत हुई है।