किसी भी कीमत पर सीमा पार से घुसपैठ बर्दाश्त नहीं: नरवणे
सेना प्रमुख ने अमृतसर और फिरोजपुर में सेना की वज्र कोर का दौरा किया
सैनिकों को बहादुरी और कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए प्रशस्ति पत्र भी दिए
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख की सीमा पर चीन से चल रहे तनाव के बीच जम्मू संभाग की नियंत्रण रेखा तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की ओर से हो रही अंधाधुंध फायरिंग के बीच सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने पश्चिमी कमान सेेना की तैनाती और परिचालन तैयारियों की समीक्षा करके सैनिकों की हौसला अफजाई की। उन्होंने कहा कि सीमापार से घुसपैठ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं है, इसलिए उन्होंने इसे हर हाल में रोकने के निर्देश दिए।
जनरल एमएम नरवणे ने अपने दौरे के दूसरे दिन मंगलवार को अमृतसर और फिरोजपुर में सेना की वज्र कोर का दौरा किया। उन्होंने पश्चिमी सीमा पर परिचालन संबंधी तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने सैनिकों के साथ बातचीत करते हुए उनकी प्रशंसा की और उनकी बहादुरी और कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए प्रशस्ति पत्र भी दिए। सेना प्रमुख ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ चल रही लड़ाई में सेना के प्रयासों की सराहना की और हर समय परिचालन संबंधी तैयारियों पर ध्यान बनाए रखने के लिए सभी रैंकों को हमेशा तैयार रहने के निर्देश दिए।
जनरल नरवणे ने अपने दौरे के पहले दिन सोमवार को पश्चिमी कमान में आगे के क्षेत्रों का दौरा करके पाकिस्तान सीमा पर परिचालन तैयारियों की समीक्षा की। सेना प्रमुख ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पश्चिमी कमान के सभी रैंकों को संबोधित किया। उन्होंने अपने उच्च मनोबल के लिए सैनिकों की सराहना की और उन्हें उत्साह के साथ काम करने के लिए प्रेरित किया। सेना प्रमुख जनरल नरवणे पाकिस्तान सीमा पर तैनात सैनिकोंं से मिले और कहा कि संघर्ष विराम के उल्लंघन और आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिशों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएं।
उन्होंने जम्मू में पाकिस्तान के साथ सीमा पर तैनात सैनिकों की ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान उन्हें वरिष्ठ कमांडरों ने मौजूदा हालात और सुरक्षा की स्थितियों की जानकारी दी। सेना प्रमुख ने जम्मू-पठानकोट रीजन में तैनात भारतीय सैनिकों की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी से आंतरिक सुरक्षा मसलों तथा सुरक्षा के बुनियादी ढांचे के अपग्रेडेशन तथा सेना की ऑपरेशनल तैयारियों के बारे में जानकारी ली।
जम्म-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद इस वर्ष पाकिस्तान की ओर से सीजफायर उल्लंघन (सीएफवी) के मामले पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ रहे हैंं। एलओसी पर 2018 मेंं सीएफवी के 3,479 मामले थे, जो 2003 के बाद दर्ज की गई सबसे अधिक संख्या थी। पाकिस्तान ने सीजफायर उल्लंघन मेें और जवाबी कार्यवाही मेें भारत ने इस वर्ष एक-दूसरे के पोस्ट और स्थानों को लक्षित करने के लिए आर्टिलरी गन और एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों का उपयोग किया है।
इस साल जनवरी में एलओसी पर 367 सीएफवी, फरवरी में 366, मार्च में 411, अप्रैल में 387, मई में 382 और जून में 320 रिकॉर्ड दर्ज हुए हैं। जब अप्रैल में पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर चीनी सैनिक घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे थे तो भारतीय सेना ने पाकिस्तानी गोलाबारी के जवाब में सीमा पार के कुछ सेक्टरों में 105 एमएम बोफोर्स हॉवित्जर तोपों का इस्तेमाल करके आतंकी लॉन्च पैड्स को नष्ट भी किया था।