हुनर हाट हमारी कला और शिल्प की ब्रांडिंग में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं : रक्षामंत्री
नईदिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि 'हुनर हाट'ने दाल बाटी चूरमा को पूरे देश में लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई है और यह 'हुनर' को एक व्यवस्थित मंच देने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि 'हुनर हाट' देशभर के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को न केवल एक साझा मंच देता है बल्कि यह हमारी समृद्ध संस्कृति और परंपरा की अभिव्यक्ति भी है।
सिंह ने रविवार को यहां जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित 26वें 'हुनर हाट' का उद्धाटन किया । इस दौरान केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर सिंह ने कहा कि हमारी देशी चीजें, वस्तुएं, कलाकृतियां और दस्तकारी के साथ ही भोज्य पदार्थों को भी देशभर में प्रचारित और लोकप्रिय बनाने की काम 'हुनर हाट' के मंच से हो रहा है। उन्होंने कहा कि 'हुनर हाट' हमारे कारीगरों की कला और शिल्प की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं जिससे उन्हें उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिलता है। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' बनाने के आह्वान को सफल बनाने में ऐसे आयोजन महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 'वोकल फॉर लोकल' का आह्वान किया हैं, जो हमारे आत्मनिर्भर भारत के सपने का आधार हैं। राजनाथ ने कहा कि उनका मानना है कि हुनर हाट जैसे आयोजन इसको बहुत बल देते हैं। सिंह ने कहा कि हमारे दस्तकारों, शिल्पकारों और कारीगरों ने 'आपदा में अवसर" की भावना को सही मायनों में समझते हुए कोरोना महामारी के दौरान देशव्यापी लॉकडाउन में मिले समय का सदुपयोग कर अगले 'हुनर हाट' की उम्मीद में बड़ी तादाद में हस्तनिर्मित सामग्री को तैयार किया जो आज यहाँ प्रदर्शित हो रही हैं।
600 से अधिक दस्तकार, शिल्पकार,शामिल -
उल्लेखनीय है कि 26वें 'हुनर हाट' का आयोजन 'वोकल फॉर लोकल' थीम के साथ किया गया है जो 01 मार्च तक चलेगा। जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित इस 'हुनर हाट' में आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखण्ड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, ओड़िशा, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल सहित देश के 31 से अधिक राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से 600 से अधिक दस्तकार, शिल्पकार, कारीगर शानदार स्वदेशी उत्पादों के साथ शामिल हो रहे हैं।