नई दिल्ली। कांग्रेस नेताओं ने शुक्रवार को देशभर में 500 और 1000 के नोटों को चलन से बाहर करने के मोदी सरकार के फैसले के तीन साल पूरे होने पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया है। कांग्रेस नेताओं ने सरकार के इस फैसले की आलोचना की है और इसे नागरिकों की जिंदगी व रोजी-रोटी पर हमले का तुगलकी फरमान कहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि आज पूरा देश केवल एक ही प्रश्न पूछ रहा है कि नोटबंदी से आखिर क्या हासिल हुआ। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से देश में एक करोड़ से ज्यादा नौकरियां खत्म हो गई, बेरोजगारी दर 45 सालों में सबसे ज्यादा हो गई, जीडीपी वृद्धि में दो प्रतिशत अंकों की कमी हो गई और भारत की अंतरराष्ट्रीय रेटिंग 'स्टेबल' से घटकर 'निगेटिव' हो गई। उन्होंने कहा कि अब स्वतंत्र अर्थशास्त्री व्यापक स्तर पर इस बात को मानते हैं कि नोटबंदी तत्कालीन केंद्र सरकार की भयंकर भूल थी। नोटबंदी की यह कहानी आज पूरी दुनिया में अन्य देशों की सरकारों को एक चेतावनी के तौर पर पढ़ाई जाती है कि 'देश की सरकारों को क्या नहीं करना चाहिए'।
सोनिया ने कहा कि प्रधानमंत्री और उनके मंत्रियों ने 2017 से इस उम्मीद से नोटबंदी के बारे में बात करना बंद कर दिया कि देश इसे भूल जाएगा लेकिन कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी की न तो देश और न ही देश का इतिहास भाजपा के नोटबंदी के निर्णय के कारण अर्थव्यवस्था को हुई असीमित क्षति को भूले।
कांग्रेस नेता अजय माकन ने पत्रकार वार्ता कर कहा कि तीन साल पहले प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी। हमारे शब्दों में आज इसकी तीसरी बरसी है। देशभर में प्रदर्शन करके हम इसका विरोध जता रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने समय-समय पर नोटबंदी के बचाव में अलग-अलग तर्क दिए। दिवंगत अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी के साथ पार्टनरशिप करने के लिए नोटबंदी की गई थी। इससे जीएसटी कलेक्शन का एक लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य अभी पूरा नहीं हुआ है। नोटबंदी के चलते देश के गरीब-किसान-मजदूर वर्ग को समस्या का सामना करना पड़ा। देश की जनता के साथ विश्वासघात किया गया और नोटबंदी ने कोई लक्ष्य हासिल नहीं किया।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी के हमले ने भारतीय अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया। कई लोगों की जान चली गई, लाखों छोटे व्यवसाय मिट गए और लाखों भारतीय बेरोजगार हो गए। इसके पीछे के लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाना बाकी है।
वहीं प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार और इसके नीमहक़ीमों द्वारा किए गए 'नोटबंदी सारी बीमारियों का शर्तिया इलाज' के सारे दावे एक-एक कर धराशायी हो गए। नोटबंदी एक आपदा थी, जिसने हमारी अर्थव्यवस्था नष्ट कर दी। इस 'तुग़लकी' कदम की जिम्मेदारी अब कौन लेगा?
इसी बीच नोटबंदी के तीन साल पूरे होने पर युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को रिजर्व बैंक के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी नारे लगा रहे थे और उन्होंने हाथों में तख्तियां और भारतीय युवा कांग्रेस के झंडे थे। दिल्ली पुलिस ने इन्हें संसद मार्ग पर आरबीआई की इमारत से कुछ मीटर पहले ही रोक दिया। युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने कहा कि ये प्रदर्शन मोदी सरकार से नोटबंदी को लागू करने के लिए माफी मंगवाने के लिए किया गया। बढ़ते प्रदर्शन को देखते हुए आरबीआई के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल को तैनात किया गया, बाद में यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया।