कोरोना से मौत का नकली प्रमाणपत्र दे रहे है डॉक्टर, सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी
नईदिल्ली। कोरोना संक्रमण से होने वाली मौत पर मुआवजे के मामले पर सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सभी राज्यों में मुआवजा दिया जा रहा है, लेकिन यह समस्या भी देखने में आ रही है कि डॉक्टर नकली प्रमाणपत्र दे रहे हैं। उसके बाद कोर्ट ने सभी पक्षों से इससे बचने पर सुझाव देने को कहा। इस मामले पर अगली सुनवाई 14 मार्च को होगी।
चार फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना से हुई मौत पर मुआवजे के भुगतान के मामले में राज्य सरकारों की शिथिलता पर नाराजगी जाहिर करते हुए निर्देश जारी किया था। कोर्ट ने कहा था कि कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के साथ मुआवजे के सभी विवरण एक हफ्ते के भीतर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को दें। कोर्ट ने सभी पीड़ितों तक मुआवजा पहुंच सके इसके लिए राज्यों को राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के साथ समन्वय बनाने के लिए एक अधिकारी की नियुक्त करने का भी निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा कि ऐसा करना इसलिए जरूरी है क्योंकि मुआवजे का लाभ उन सभी तक पहुंचे जिन्होंने आवेदन नहीं किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल कोरोना से हुई हर मौत के लिए 50 हजार रुपये मुआवजे का आदेश दिया था। चार अक्टूबर 2021 को कोर्ट ने कहा था कि मृतक के परिवार को मिलने वाला यह मुआवजा दूसरी कल्याण योजनाओं से अलग होगा। कोर्ट ने दावे के 30 दिनों के भीतर भुगतान करने का निर्देश दिया था। ये पैसे राज्यों के आपदा प्रबंधन कोष से दिए जाने का आदेश दिया गया है।