नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और दोनो चुनाव आयुक्त सुनील लह्वासा एवं सुशील चंद्र कोरोना वायरस (कोविड 19) की महामारी से लड़ने के लिए एक साल तक अपना एक तिहाई वेतन नही लेंगे। आपको बता दें कि इससे पहले नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए सभी सांसदों की सैलरी में एक साल के लिए 30 फीसदी कटौती की गई थी। इसके बाद कई राज्य सरकारों ने भी विधायकों की वेतन कटौती का फैसला लिया था।
चुनाव आयोग की ओर से सोमवार को यहां जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार सर्वश्री अरोड़ा, लह्वासा और चन्द्र ने स्वेच्छा से एक अप्रैल से अपने मूल वेतन से 30 प्रतिशत कम वेतन लेने का फैसला किया है। इस तरह वे कैरोना के लिए एक साल तक एक तिहाई वेतन नहीं लेंगे। आयोग का मानना है कि कोरोना संकट और अर्थव्यस्था पर पड़ने वाले प्रभावों से निपटने के लिए सरकार और अन्य एजेंसियां संसाधन जुटाने में लगी हैं। इसके लिए लोग आयोग के अधिकारी संसाधन जुटाने की खातिर अपना एक तिहाई वेतन नही ले रहे हैं और उसे राजकोष में जमा कर रहे हैं।
भारत में सोमवार को कोरोनावायरस संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 9 हजार के पार पहुंच गई। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी। मंत्रालय ने सुबह 8 बजे के अपडेट में कहा, "देश में अभी तक कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 9,152 है और महामारी के चलते 308 लोगों की मौत हुई है।" पिछले 15 घंटों में 938 नए मामले सामने आए हैं और 35 मौतें दर्ज की गई हैं।
कुल संक्रमित मामलों में से वर्तमान में 7,987 लोग संक्रमण से ग्रस्त हैं, जबकि उपचार के बाद पूर्ण रूप से स्वस्थ हुए 856 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। इसके अलावा एक मामले में संक्रमित व्यक्ति दूसरे देश में चला गया है। एक दिन पहले रविवार शाम 5 बजे तक कोविड-19 से संक्रमित लोगों की कुल संख्या 273 मौत के आंकड़ों के साथ 7,409 थी।
भारत में कम से कम 72 विदेशी नागरिक महामारी से संक्रमित हैं। कोविड-19 संक्रमण के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र (1,985), दिल्ली (1,154), तमिलनाडु (1,०43) और राजस्थान (804) से सामने आए हैं।