हरिद्वार। भारतीय सेना के पूर्व प्रमुख व केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा कई आधार पर सुनिश्चित की जाती है। देश की बाहरी व आंतरिक सुरक्षा के अलावा आर्थिक, पर्यावरण, साइबर सुरक्षा भी महत्वपूर्ण है। इन सब को ध्यान में रखकर ही राष्ट्रीय सुरक्षा नीति बनाई जाती है। भारत 1962 से कहीं अधिक मजबूत व सशक्त हुआ है। आज का भारत 2020 का भारत है। आज हम हर मोर्चे पर सफलता पूर्वक खड़े हैं।
उन्होंने कहा कि 1962 में हमें कमजोर नीति का खामियाजा भुगतना पड़ा। 1965 की तैयारियों का लाभ 1967 में मिला। तब से लगातार देश की ताकत बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिकी देश की सुरक्षा पर गहरा प्रभाव डालती है। इसी तरह पर्यावरण की सुरक्षा भी बहुत जरूरी है। पर्यावरण सुरक्षित रहेगा तभी देश सुरक्षित है। नए तौर पर साइबर सुरक्षा भी एक महत्त्वपूर्ण विषय है। आज सब कुछ साइबर से जुड़ा है। इसकी सुरक्षा जरूरी है।
उन्होंने कहा कि भारत की कूटनीतिक सफलता का ही नतीजा है कि हमारे दोनों पड़ोसी चीन और पाकिस्तान जितने भी षड्यंत्र रचते हैं, वह विफल ही होते हैं। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान जब तक कंगाल नहीं हो जाएगा तब तक वह बाज आने वाला नहीं है। वहीं चीन को हमारी कमजोर नीति के कारण ही बल मिला। चीन से भारत की सीमा कभी नहीं लगती थी। चीन ने तिब्बत पर कब्जा किया, जिसके कारण हमारी सीमाएं चीन से मिल गईं। चीन अपनी विस्तारवादी नीति के चलते लगातार अपने पड़ोसियों पर सीमा विवाद करता रहता है।
जनरल सिंह ने देश के अलगावादी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में आंतरिक सुरक्षा को अस्थिर करने वालों के कारण विदेशी ताकतों को बल मिलता है। आतंकवाद के मुद्दे पर उन्होंने सभी देशवासियों को जागरूक रहने का आह्वान किया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मीडिया के लिए आचार संहिता लागू होनी चाहिए। देश की सुरक्षा, तैयारियों से सम्बंधित समाचारों को बढ़ा-चढ़ा के टीवी पर दिखाना सही नहीं है। इसके देश में भय का माहौल बनता है।
कार्यक्रम के अंत मे संघ के क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख पद्म सिंह ने जनरल वीके सिंह का कार्यक्रम में आने पर आभार व्यक्त किया। अतिथियों का परिचय विभाग प्रचार प्रमुख विपिन कर्णवाल ने कराया। इसमें अभिषेक वर्मा, अमित शर्मा, विकास तिवारी, राहुल सारस्वत, अभिषेक जमदग्नि आदि ने सहयोग किया।