भारत अपनी दूरदृष्टि से भविष्य में होने वाले युद्धों को देख रहा है : सेना प्रमुख
चीन-पाकिस्तान सीमा पर रणनीतिक लक्ष्य हासिल करने के प्रयास जारी रहेंगे
नईदिल्ली। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने गुरुवार को चीन और पाकिस्तान से मिलने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर कहा कि भारत अपनी दूरदृष्टि से भविष्य में होने वाले संघर्षों को देख रहा है। हमें इन 'ट्रेलरों' के आधार पर कल के युद्धक्षेत्र की रूपरेखा की कल्पना करनी है। दोनों देशों की अस्थिर और सक्रिय सीमाओं पर हम रणनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए किये जा रहे प्रयासों को जारी रहेंगे। अगर आप अपने आस-पास देखेंगे तो पाएंगे कि कल की 'विज्ञान-कथा' आज की 'वास्तविकता' है, इसलिए हमें भी भविष्य की ओर छलांग लगानी है।
जनरल नरवणे ने एक ऑनलाइन संगोष्ठी में कहा कि भारत 'अद्वितीय, पर्याप्त और बहु-डोमेन' सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है, इसीलिए उत्तरी सीमाओं पर आवश्यकता को देखते हुए पर्याप्त रूप से सक्षम बलों को तैनात किया गया है। चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बिना सेनाध्यक्ष ने कहा कि परमाणु सक्षम पड़ोसियों के साथ विवादित अस्थिर और सक्रिय सीमाएं छद्म युद्ध का सामना कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हम भविष्य के संघर्षों के ट्रेलर देख रहे हैं। ये सूचना युद्ध के मैदान पर, नेटवर्क और साइबर स्पेस में दैनिक रूप से लागू किए जा रहे हैं। अब हमें इन ट्रेलरों के आधार पर कल के युद्धक्षेत्र की रूपरेखा की कल्पना करनी है। अगर आप अपने आस-पास देखेंगे तो आपको आज की हकीकत का पता चल जाएगा।
सेना प्रमुख ने कहा कि उत्तरी सीमाओं के घटनाक्रम ने देश की संप्रभुता और अखंडता को बनाए रखने के लिए आधुनिक तकनीक से सक्षम बलों की जरूरतों को पूरा किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारा विरोधी अपने रणनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखेगा, जिसमें राजनीतिक, सैन्य और आर्थिक क्षेत्रों में ग्रे जोन की गतिविधियां भी शामिल हैं। पूर्वी लद्दाख का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 2020 की घटनाएं सभी डोमेन में सुरक्षा खतरों की विविधता की गवाही रही हैं, जिन्होंने ग्रे जोन युद्ध की ओर ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने कहा कि हमें युद्ध के गैर-संपर्क और संपर्क मोड दोनों में क्षमताओं को बढ़ाने की आवश्यकता है।
चीन के संदर्भ में उन्होंने यह भी कहा कि कुछ देश विश्व स्तर पर स्वीकृत मानदंडों और नियम-आधारित व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीमा की 'यथास्थिति' बदलने के लिए आक्रामकता और अवसरवादी कार्रवाई की गई। जनरल नरवणे ने कहा कि अफगानिस्तान के घटनाक्रम ने फिर से प्रॉक्सी वार की ओर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि सेनाओं का आधुनिकीकरण करने के लिए समयबद्ध योजना के तहत थियेटर कमांड बनाने की प्रक्रिया पहले से ही आगे बढ़ रही है और भारतीय सेना इस परिवर्तन के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। जनरल नरवणे ने कहा कि सेना अपने बलों के पुनर्गठन, पुनर्संतुलन और पुनर्रचना पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसकी प्रक्रिया पहले ही शुरू की जा चुकी है। हम इन बदलावों के लिए अपने ऑपरेशनल सिस्टम को और मजबूत कर रहे हैं।