रक्षा मंत्रालय का बड़ा फैसला : ग्वालियर समेत देश की 62 सैन्य छावनियां होंगी खत्म
अग्रेंजों द्वारा बैरकपुर में सबसे पहली छावनी स्थापित की गयी थी। इसके बाद मांग बढ़ने पर इन छावनियों की संख्या 62 हो गई।
वेब डेस्क। रक्षा मंत्रालय ने फंड बचाने को लेकर देश के 19 राज्यों में फैली 62 सैन्य छावनियों को ख़त्म करने की योजना बना रहा है। मंत्रालय का कहना है कि रक्षा बजट का एक बड़ा हिस्सा छावनी क्षेत्रों के विकास पर खर्च हो रहा है। ऐसे में सेना द्वारा छावनियों को खत्म करने का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय के पास भेजा गया है।इस फैसले से मप्र के जबलपुर, मुरार (ग्वालियर), महू पचमढ़ी, सागर की सैन्य छावनी परिषद खत्म होंगी। सबसे पहले हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की योल छावनी परिषद को खत्म करने का आदेश है।
अंग्रेजों ने की थी छावनी की शुरुआत
आपको बता दें कि अग्रेंजों द्वारा बैरकपुर में सबसे पहली छावनी स्थापित की गयी थी। इसके बाद धीरे-धीरे मांग बढ़ने पर इन छावनियों की संख्या 62 हो गई।
जोधपुर स्थित रक्षा संपदा विभाग के सूत्रों के अनुसार आने वाले कुछ दिनों में नसीराबाद छावनी परिषद को भी खत्म करने का आदेश जारी किया जायेगा। एमओडी को सिविल एरिया, सैन्य एरिया, आबादी, वार्ड सहित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां भेज दी गई हैं। आश्चर्य की बात है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कई बार कहा है कि सेना में ब्रिटिश परंपराओं को खत्म किया जाएगा व इसमें होने वाली सेरेमनी पर भी रोक लगेगी।
राज्य सरकार की योजनाओं को भी मिलेगा लाभ
अभी तक छावनी परिषद के नागरिकों को राज्य सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ नहीं मिल पाता था। लेकिन अब उन्हें सरकार की सभी योजनाओं का फायदा मिल सकेगा। छावनी के नागरिकों को नए भवनों के निर्माण, भवन की ऊंचाई बढ़ाने, वाणिज्यिक निर्माण और कन्वर्जन, सफाई, सीवरेज, रोशनी, सड़क के लिए सेना के पास नहीं जाना पड़ेगा।
क्या होती है छावनी
सेना द्वारा जब छावनियों को खत्म करने की बात सामने आयी है । ऐसे में हमें यह पता होना चाहिए कि छावनी क्या होती है इसके साथ ही हम देश की प्रमुख छावनियों के बारे में भी जानेगे। बात करें छावनी की तो छावनियाँ भारतीय सेना का ऐसा स्थान हैं जहां सेना की एक टुकड़ी लंबे समय तक रहती है। जिसे स्थायी मिलिट्री स्टेशन भी कहा जाता है। छावनियों की चार श्रेणियां हैं जो किसी छावनी के अंदर रहने वाली आबादी के आकार पर निर्भर करती हैं। छावनियों में वित्तीय तथा भूमि संबंधी प्रतिबंध, विशेषकर आवासीय तथा वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए एक क्षेत्र है। छावनी बोर्ड का गठन छावनी अधिनियम 2006 के तहत किया गया है।
62 छावनियों के नाम
केंद्रीय कमांड
1. आगरा
2. इलाहाबाद
3. अल्मोड़ा
4. बरेली
5. चकराता
6. क्लीमेंट टाउन
7. दानापुर
8. देहरादून
9. फैजाबाद
10. फतेहगढ़
11. जबलपुर
12. कानपुर
13. लंदौर
14. लैंसडाउन
15. लखनऊ
16. मथुरा
17. मेरठ
18. महू
19. नैनीताल
20. पंचमढ़ी
21. रामगढ़
22. रानीखेत
23. रुड़की
24. शाहजहांपुर
25. वाराणसी
पूर्वी कमांड
1. बरकपुर
2. शिलॉन्ग
3. जलापहाड़
4. लेबॉन्ग
उत्तरी कमांड
बदामीबाग
दक्षिणी कमांड
1. अहमदाबाद
2. अहमदनगर
3. अजमेर
4. औरंगाबाद
5. बबीना
6. बेलगाम
7. कन्नानोर
8. देहूरोड
9. दियोलाई
10. झांसी
11. काम्पटी
12. किरकी
13. मोरार
14. नसीराबाद
15. पुणे
16. सौगेर
17. सिकंदराबाद
18. सेंट थॉमस माउंट कम पल्लावरम
19. वेलिंगटन
पश्चिमी कमांड
1. अंबाला
2. अमृतसर
3. बकलोह
4. दगशई
5. डलहौजी
6. दिल्ली
7. फिरोजपुर
8. जालंधर
9. जम्मू
10. जुटोघ
11. कसौली
12. खासयोल
13. सुभाथू