ज्योति नैनवाल ने पूरी की शहीद पति की अंतिम इच्छा, भारतीय सेना में बनी अधिकारी

Update: 2021-11-20 12:43 GMT

चेन्नई। चेन्नई की ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से एक साल का प्रशिक्षण पूरा करने के बाद ज्योति नैनवाल ने शनिवार को भारतीय सेना की अधिकारी बनकर अपने पति दीपक की अंतिम इच्छा पूरी कर दी। जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों की गोलियों से घायल हुए दीपक ने अपने जीवन के अंतिम 40 दिनों के दौरान दीपक ने पत्नी ज्योति नैनवाल से सेना में शामिल होकर देश की सेवा करने की इच्छा जताई। जिंदगी और मौत की जंग के बाद 20 मई, 2018 को दीपक शहीद हो गए जिसके बाद ज्योति ने अपने पति की ही तरह देश सेवा की राह चुनी थी।

पति की ही तरह देश सेवा की राह चुनी - 

देहरादून के हर्रावाला निवासी भारतीय सेना में नायक पद पर तैनात दीपक नैनवाल जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में पाकिस्तानी आतंकवादियों से लड़ते हुए दस अप्रैल, 2018 को घायल हो गए थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें तीन गोलियां लगीं थी। रीढ़ और छाती में गंभीर रूप से गोली लगने के कारण दीपक का निचला शरीर सभी संवेदना खो चुका था। ज्योति का कहना है कि पति के अस्पताल में भर्ती होने के दौरान 40 दिनों तक रहने और उनकी देखभाल करने की अनुमति दी गई थी। इस दौरान मुझे पता चला कि भारतीय सेना न केवल बहादुर दिलों का बल्कि उनके परिवारों का भी ख्याल रखती है। अपने जीवन के अंतिम 40 दिनों के दौरान दीपक ने पत्नी ज्योति नैनवाल से सेना में शामिल होकर देश की सेवा करने की इच्छा जताई। जिंदगी और मौत की जंग के बाद 20 मई, 2018 को दीपक शहीद हो गए जिसके बाद ज्योति ने अपने पति की ही तरह देश सेवा की राह चुनी।

यह सफर नहीं था आसान - 

पति की शहादत के लगभग 3 साल बाद दो बच्चों की मां ज्योति नैनवाल भारतीय सेना में एक अधिकारी के रूप में शामिल होने के लिए तैयार है। उनका साल भर का प्रशिक्षण शनिवार को चेन्नई की ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी में पूरा हो गया है। उन्होंने इस मौके पर कहा कि पति की अंतिम इच्छा का सम्मान करने का अवसर देने के लिए मैं भारतीय सेना का शुक्रगुजार हूं। हालांकि, यह सफर आसान नहीं था। अपने मातृ कर्तव्यों को पूरा करने के अलावा अपने चौथे प्रयास में सबसे कठिन शारीरिक और मनोवैज्ञानिक परीक्षाओं में से एक एसएससी परीक्षा को पास किया। अपने चयन के बाद ज्योति ने भारतीय सेना और ससुराल वालों को पूरे समय उनका समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया। मेरे गुरुओं, ससुराल वालों और भाइयों ने मुझे आगे बढ़ाने के लिए हर कदम पर मेरे साथ काम किया।

पति की रेजिमेंट को दिया धन्यवाद - 

उनके ससुर ने खुलासा किया कि ज्योति जॉगिंग के लिए बाहर जाने के लिए सुबह 3:30 बजे उठती थी क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि उसके रूढ़िवादी पड़ोसी उसे एथलेटिक परिधान में देखें। इसके अलावा उसने अपने अंग्रेजी बोलने के कौशल पर बहुत मेहनत की।नवनियुक्त भारतीय सेना अधिकारी ज्योति नैनवाल के दोनों बच्चे भी शनिवार को चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में पासिंग आउट परेड में मौजूद रहे। इस मौके पर ज्योति नैनवाल ने कहा कि मैं अपने पति की रेजिमेंट को धन्यवाद देना चाहती हूं। वह हर कदम पर मेरे साथ खड़ी रही और मुझे बेटी की तरह मानती है। बहादुर महिलाओं के लिए मैं जन्म के लिए नहीं, बल्कि कर्म के लिए मां बनना चाहती हूं। मैं जैसे जीवन व्यतीत करुंगी, वह मेरे बच्चों के लिए एक उपहार होगा।

देश सेवा से जुड़ी हैं तीन पीढ़ियां - 

शहीद दीपक नैनवाल की एक बेटी लावण्या और एक बेटा रेयांश है। लावण्या कक्षा चार में पढ़ती है और रेयांश कक्षा एक में पढ़ता है। मां के सेना में अफसर बनने पर रेयांश को गर्व है और वह भी आगे चलकर फौजी बनकर देश सेवा करना चाहता है। दीपक नैनवाल के परिवार की तीन पीढ़ियां देश सेवा से जुड़ी हुई हैं। दीपक के पिता चक्रधर नैनवाल सेना से रिटायर्ड हैं। उन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध, कारगिल युद्ध व कई अन्य ऑपरेशंस में हिस्सा लिया है। उनके पिता व दीपक के दादा सुरेशानंद नैनवाल भी स्वतंत्रता सेनानी थे।

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