लॉकडाउन : किसानों को फसल की कटाई में नहीं होगी कोई परेशानी - नरेंद्र सिंह तोमर

- कृषि मंत्री ने अधिकारियों को दिए निर्देश, खेत के समीप ही हो उपज की बिक्री का इंतजाम

Update: 2020-04-07 14:42 GMT

नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोविड-19 (कोरोना वायरस) के मद्देनजर देश में लागू पूर्णबंदी (लॉकडाउन) के दौरान किसानों को परेशानी से बचाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से अनेक उपाय किए जा रहे है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि फसलों की कटाई में किसानों को कोई परेशानी नहीं होगी और उनकी उपज खेत के पास ही बिक सके इसके उपाए किए जा रहे हैं।

तोमर ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए तमाम वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और किसानों को राहत पहुंचाने के उपायों पर सख्ती से अमल किए जाने की विस्तृत समीक्षा की और कंट्रोल रूम बनाकर नियमित निगरानी के दिशा-निर्देश भी दिए। दरअसल, कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के उद्देश्य से लागू लॉकडाउन के मद्देनजर देशभर में आम लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है। ऐसे में किसानों को फसल की कटाई के सीजन में दिक्कतें आ रही हैं। इस ओर ध्यान देते हुए तोमर ने गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के साथ परामर्श कर तुरंत ही किसानों को राहत के लिए अनेक उपाय लागू किए हैं।

तोमर ने अधिकारियों से कहा कि किसानों के हित में जो भी निर्णय लिए गए हैं, उन्हें अमल में लाने के साथ ही इस दौरान सामाजिक दूरी बनाए रखना बहुत ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि फसलों की कटाई में किसानों को कोई परेशानी नहीं होना चाहिए। साथ ही उनकी कृषि उपज खेत के पास ही बिक सके इसके लिए राज्य और अंतरराज्यीय परिवहन सुगमता से उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए ट्रकों की आवाजाही को भी लॉकडाउन से छूट दी गई है। केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कटाई के बाद आगे बुआई भी होना है । ऐसे में खाद-बीज की कमी कहीं भी नहीं होनी चाहिए। खाद-बीज के परिवहन के लिए भी पर्याप्त साधन उपलब्ध कराए जाना चाहिए। जिन कृषि वस्तुओं का निर्यात किया जाना है, वह प्रभावित नहीं होना चाहिए।

कृषि उत्पादों की ख़रीद से संबंधित संस्थाओं व न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित कार्यों, कृषि उत्पाद बाजार कमेटी व राज्यों द्वारा संचालित मंडियों, उर्वरकों की दुकानों, किसानों व श्रमिकों द्वारा खेत में किए जाने वाले कार्यों, कृषि उपकरणों की उपलब्धता हेतु कस्टम हायरिंग केंद्रों और उर्वरक, कीटनाशक व बीजों की निर्माण व पैकेजिंग इकाइयों, फसल कटाई व बुआई से संबंधित कृषि व बाग़वानी में काम आने वाले यंत्रों की अंतरराज्यीय आवाजाही को छूट दी गई है। कृषि मशीनरी व कलपुर्जों की दुकानें लॉकडाउन में चालू रखी जा सकेगी। छूट में संबंधित आपूर्तिकर्ताओं को भी शामिल किया गया है। हाईवे पर ट्रकों की मरम्मत करने वाले गैरेज व पेट्रोल पंप भी चालू रहेंगे, ताकि कृषि उपज का परिवहन सुगमता से हो सकें। इसी तरह, चाय बागानों पर अधिकतम 50 प्रतिशत कर्मचारी रखते हुए काम किया जा सकेगा।

राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) प्लेटफ़ॉर्म की नई सुविधाएं भी लांच की गई है, जिनका इस दौरान लाभ उठाया जा सकता है। केंद्र ने किसानों के अल्पकालिक फसली ऋण जो एक मार्च 2020 और 31 मई 2020 के बीच देय हैं या देय होंगे, के लिए पुनर्भुगतान की अवधि भी 31 मई 2020 तक बढ़ाई है। किसान 31 मई 2020 तक अपने फसल ऋण को बिना किसी दंडात्मक ब्याज के केवल 4 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज दर पर भुगतान कर सकते हैं।

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