CWC बैठक में महाभारत : राहुल ने बोली ऐसी बात कि मच गया बवाल,आजाद बोले - इस्तीफा दे दूंगा
नई दिल्ली। कांगेस कार्यसमिति की बैठक 'महाभारत' में तब्दील हो गई है। वरिष्ठ कांग्रेसियों की चिट्ठी सार्वजनिक होने के मामला छाया रहा। सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की। साथ में उस चिट्ठी का जवाब भी दिया जिसमें नेतृत्व पर सवाल उठाए गए थे। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने चिट्ठी की आलोचना की। फिर राहुल गांधी ने बेहद तीखे लहजे में इसकी टाइमिंग पर सवाल खड़े किए। उन्होंने यहां तक कहा कि चिट्ठी बीजेपी के साथ मिलीभगत कर लिखी गई है। इसपर वरिष्ठ कांग्रेस गुलाम नबी आजाद उखड़ गए। उन्होंने कहा कि अगर मिलीभगत साबित हो गई तो वे इस्तीफा दे देंगे।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के तेवर खासे तीखे थे। राहुल गांधी ने कहा, 'सोनिया गांधी के अस्पताल में भर्ती होने के समय ही पार्टी नेतृत्व को लेकर पत्र क्यों भेजा गया था?' उन्होंने मीटिंग में कहा कि 'पार्टी नेतृत्व के बारे में सोनिया गांधी को पत्र उस समय लिखा गया था जब राजस्थान में कांग्रेस सरकार संकट का सामना कर रही थी। पत्र में जो लिखा गया था उस पर चर्चा करने का सही स्थान सीडब्ल्यूसी की बैठक है, मीडिया नहीं।' उन्होंने आरोप लगाया कि यह पत्र बीजेपी के साथ मिलीभगत में लिखा गया।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और वरिष्ठ कांग्रेसी एके एंटनी ने चिट्ठी लिखने के कदम की आलोचना की। दोनों नेताओं ने कहा कि सोनिया गांधी को नया पार्टी अध्यक्ष चुने जाने तक अंतरिम अध्यक्ष के पद पर बने रहना चाहिए। उन्होंने नेतृत्व में बदलाव की मांग रखने वाले नेताओं को फटकार भी लगाई।
पार्टी के भीतर एक बड़ी तादाद ऐसे नेताओं की है जो नेहरू-गांधी परिवार के हाथ में ही कांग्रेस की कमान देखना चाहते हैं। CWC की पिछली बैठकों में भी राहुल गांधी को दोबारा अध्यक्ष बनाने की मांग उठ चुकी है। राहुल ने 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद पद छोड़ दिया था, तभी से सोनिया अंतरिम अध्यक्ष हैं। ऑल इंडिया कांग्रेस समिति की सदस्य सुमन अग्रवाल ने रविवार को सोनिया को चिट्ठी लिखकर राहुल को नेतृत्व देने की मांग की है। राहुल खुद दोबारा पार्टी की कमान संभालने के इच्छुक नहीं लगते लेकिन दबाव में ऐसा कर सकते हैं।
कांग्रेस पार्टी के भीतर प्रियंका गांधी को अध्यक्ष देखने की चाह वाले कम नहीं। उन्हें पिछले साल जिस तरह उत्तर प्रदेश में खास जिम्मेदारी दी गई, उससे कई सीनियर कांग्रेस नेताओं की नजर में वह अध्यक्ष बनने की क्षमता रखती हैं। कांग्रेस के कई नेताओं की यही इच्छा है कि राहुल या प्रियंका में से कोई एक, पार्टी की कमान संभाले। हालांकि गैर गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने का प्रियंका का स्टैंड आड़े आ सकता है। प्रियंका का राजनीति में कम अनुभव भी उनके इस पद पर नियुक्ति में एक रुकावट है।
मुकुल वासनिक का नाम पहले भी कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चर्चा में रहा है। पिछले साल जब राहुल ने इस्तीफा दिया तो वासनिक के अगला अध्यक्ष बनने की खासी चर्चा थी। वासनिक केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं और पिछली लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता थे। महाराष्ट्र से राजनीति की शुरुआत करने वाले वासनिक इस वक्त कांग्रेस में महासचिव हैं। वे गांधी परिवार के बेहद करीबी माने जाते हैं।
सोनिया के पद छोड़ने की स्थिति में अभी के लिए पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी को कमान दी जा सकती है। वह गांधी परिवार के खासे करीबी हैं। AICC, CWC समेत कांग्रेस के कोर ग्रुप का हिस्सा हैं। एंटनी संकट के समय में पार्टी को याद आते रहे हैं और नेतृत्व से बड़ा संकट पार्टी के आगे फिलहाल दूसरा नहीं है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम भी कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में बताया जा रहा है। दस साल तक पीएम रहे मनमोहन के पास लंबा प्रशासनिक अनुभव है। वह खांटी राजनेता नहीं हैं लेकिन राजनीति के दांव-पेंच अच्छे से समझते हैं। पार्टी के भीतर उनका सभी सम्मान करते हैं और यह बात उनके फेवर में जा सकती है। हालांकि पार्टी अपेक्षाकृत कम उम्र के अध्यक्ष की तलाश में है जो युवाओं से सीधे कनेक्ट कर सके।
मीटिंग के अपडेट्स आने के बाद, बाहर से भी आवाजें बुलंद होनी शुरू हो गई हैं। सोनिया को चिट्ठी लिखने वाले उन 23 कांग्रेसियों में से कपिल सिब्बल भी एक थे। राहुल गांधी के 'बीजेपी संग मिलीभगत' का आरोप लगाने के बाद सिब्बल ने ट्वीट किया, "राजस्थान हाई कोर्ट में कांग्रेस पार्टी को सफलतापूर्वक डिफेंड किया। मणिपुर में बीजेपी सरकार गिराने में पार्टी का बचाव किया। पिछले 30 साल में किसी मुद्दे पर बीजेपी के पक्ष में कोई बयान नहीं दिया। लेकिन फिर भी हम 'बीजेपी के साथ मिलीभगत कर रहे हैं।'" दूसरी तरफ, कांग्रेस आईटी सेल की पूर्व चीफ दिव्या स्पंदना ने चिट्ठी लिखने वालों पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, "न सिर्फ उन्होंने मीडिया में चिट्ठी लीक की, बल्कि CWC की हर एक बात भी लीक कर रहे हैं। कमाल है!"
सोनिया गांधी को भेजी गई चिट्ठी में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्रियों- आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, शशि थरूर, सांसद विवेक तनखा, AICC और CWC के मुकुल वासनिक और जितिन प्रसाद के नाम हैं। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्रियों भूपिंदर सिंह हुड्डा, राजेंद्र कौर भटट्ल, एम वीरप्पा मोइली, पृथ्वीराज चव्हाण, पीजे कुरियन, अजय सिंह, रेणुका चौधरी और मिलिंद देवड़ा के भी पत्र पर हस्ताक्षर हैं। प्रदेश कमेटियां संभाल चुके राज बब्बर, अरविंदर सिंह लवली और कौल सिंह ने भी चिट्ठी को समर्थन दिया है। इसके अलावा अखिलेश प्रसाद सिंह, कुलदीप शर्मा, योगानंद शास्त्री और संदीप दीक्षित के भी हस्ताक्षर हैं।