अरुण जेटली ने राष्ट्रपति को भेंट की 'मेकिंग ऑफ न्यू इंडिया' पुस्तक की पहली प्रति

Update: 2018-11-28 08:15 GMT

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को यहां राष्ट्रपति भवन में 'मेकिंग ऑफ न्यू इंडिया: मोदी सरकार के तहत परिवर्तन' पुस्तक का विमोचन करने के पुस्तक की पहली प्रति राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेंट की। डॉ बिबेक देबरॉय, डॉ अनिर्बान गांगुली और किशोर देसाई द्वारा संपादित इस पुस्तक में अर्थव्यवस्था, कूटनीति, शिक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य विषयों पर 51 निबंध शामिल हैं।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस मौके पर कहा कि मौजूदा सरकार ने 'न्यू इंडिया' के सभी समावेशी विचारों को आकार और रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 'समावेश' यह केवल नारा नहीं है बल्कि इससे अधिक है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इस सिद्धांत को केंद्र में रखकर अपनी नीति बना रही है। उन्होंने कहा कि सामाजिक विकास-समूह, समुदायों और क्षेत्रों को जो अब तक भारत की विकास कहानी में पीछे छोड़ दिए गए थे, उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए कई उपाय किए गए हैं। इस सरकार ने गरीबों के लिए कुछ आधारभूत कार्यक्रम शुरू कर दिए हैं, जिनके पास अब तक सुविधाएं और सेवाएं नहीं पहुंच सकी थीं।

राष्ट्रपति ने कहा कि हालांकि यह कहना गलत होगा कि विकास यात्रा अकेले सरकार की है। जो उत्साह सामान्य नागरिकों ने भाग लिया है, उन्हें भी स्वीकार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जरूरतमतंद को आर्थिक लाभ देने के लिए स्वेच्छा से सरकारी सब्सिडी और वित्तीय लाभों को छोड़ना उत्साहजनक है। 'मेकिंग ऑफ न्यू इंडिया' पुस्तक विभिन्न नीतियों और कार्यक्रमों के आकलन का प्रयास करती है और अपने पाठकों को राष्ट्रीय विकास यात्रा का एक बहुआयामी दृष्टिकोण प्रदान करती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि पुस्तक में प्रस्तुत विश्लेषण और कागजात नागरिकों और सरकार दोनों के लिए उपयोगी संदर्भ होंगे।

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