NCB ने नवाब मालिक को दिया जवाब, कहा - संस्था निष्पक्षता और ईमानदारी से करती है काम

Update: 2021-10-09 12:32 GMT

नईदिल्ली। कार्डिलिया द इम्प्रेस क्रूज शिप पर छापेमारी को लेकर लगाए जा रहे आरोपों के संदर्भ में नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने शनिवार को कहा कि एनसीबी अपना काम पूरी निष्पक्षता और ईमानदारी से करती है। उसके काम में किसी भी तरह का राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं रहता है। इसलिए एनसीबी पर लगाए गए सभी आरोप निराधार एवं तथ्यहीन हैं।

एनसीबी के डिप्टी डायरेक्टर जनरल (नार्थ) ज्ञानेश्वर सिंह और जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने शनिवार को संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 02 अक्टूबर को कार्डिलिया द इम्पेस क्रूज शिप पर गोपनीय जानकारी के आधार पर छापेमारा की गई थी। छापे के समय 14 लोगों को क्रूज शिप से पकड़कर एनसीबी दफ्तर लाया गया था। इनमें से 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 6 लोगों को सबूत के अभाव में छोड़ दिया गया था। जिन 8 लोगों को पकड़ा गया था उन्हें पहले एक दिन की कस्टडी कोर्ट ने दी थी। इसके बाद सभी को फिर से कोर्ट ने एनसीबी कस्टडी दी थी। इसके बाद इन आठ आरोपितों को कोर्ट ने जूडिशियल कस्टडी दी। इसके बाद इन आठ लोगों की निशानदेही पर 6 जगह और छापे मारे गए और 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया। एनसीबी ने कहा कि सारी कार्रवाई कोर्ट की देखरेख में की जा रही है, इसलिए इस मामले में लगाए जा रहे सभी आरोप निराधार हैं।

उल्लेखनीय है कि शनिवार को ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता एवं महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नवाब मलिक ने आरोप लगाया था कि एनसीबी ने कार्डिलिया क्रूज शिप से 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें एक भाजपा नेता का रिश्तेदार था। नवाब मलिक ने क्रूज शिप पर छापे की खबर को फर्जी भी बताया था। मलिक ने कहा था कि सारी कार्रवाई फर्जी थी और यह भाजपा नेताओं के इशारे पर की गई थी। मलिक ने एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच करवाने की मांग की थी। इस पर समीर वानखेड़े ने कहा कि एनसीबी कोर्ट की देखरेख में काम कर रही है और अगर कोर्ट ने इस तरह का निर्देश दिया तो उसकी भी जांच की जा सकती है।

Tags:    

Similar News