नई दिल्ली। कोरोना महामारी संकट के बीच केंद्र सरकार ने अवसरवादी अधिग्रहण पर अंकुश लगाने के लिए मौजूदा FDI नीति की समीक्षा की है। सरकार ने एफडीआई पॉलिसी, 2017 के पैरा 3.1.1 में संशोधन का फैसला किया है। इसके तहत भारत की सीमा से सटे देशों की कंपनी या इंडिविजुअल केवल उन्हीं कंपनियों और सेक्टर्स में निवेश कर सकते हैं जिसकी इजाजत सरकार ने दी है। इसका सीधा असर पाकिस्तान, चीन और बांग्लादेश जैसे देशों के निवेशकों पर होगा।
पाकिस्तान और बांग्लादेश की कोई कंपनी या इंडिविजुअल केवल सरकारी रास्ते से भारत में निवेश कर सकते हैं। पाकिस्तान का निवेशक भारतीय डिफेंस, स्पेस, एटॉमिक एनर्जी और अन्य सेक्टर्स जहां इसकी पाबंदी है, उसमें निवेश नहीं कर सकते हैं।
दरअसल पिछले दिनों चाइनीज सेंट्रल बैंक ने HDFC के करोड़ों शेयर खरीदे थे जिससे उसकी हिस्सेदारी कंपनी में 1 फीसदी को पार कर गई। उस समय ऐसी रिपोर्ट आई थी कि चीन पूरी दुनिया में अपना निवेश तेजी से बढ़ा रहा है। कोरोना के कारण पूरी दुनिया का शेयर मार्केट क्रैश कर गया है और शेयर के भाव में भारी गिरावट आई है। चीन इसे अपने लिए अवसर के रूप में देख रहा है और तेजी से निवेश बढ़ा रहा है।