अब बिजली वितरण कंपनियां अब नहीं कर पाएंगी मनमानी, जानें

Update: 2020-09-11 08:55 GMT

नई दिल्ली। बिजली वितरण कंपनियां अब मनमानी नहीं कर पाएंगी। बिजली उपभोक्ताओं की मांग पर उन्हें तय वक्त के अंदर तमाम सुविधाएं उपलब्ध करानी होगी। ऐसा नहीं करने पर आप कंपनी पर मुआवजे का दावा कर सकते हैं। केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने बिजली (उपभोक्ता अधिकार) नियम 2020 का मसौदा तैयार कर लिया है। जल्द ही इन नियमों को लागू कर दिया जाएगा।

बिजली (उपभोक्ता अधिकार) नियम के मसौदे के मुताबिक, उपभोक्ता बिजली वितरण कंपनी को घर की छत या आसपास पैदा की गई सौर ऊर्जा को बेचने का भी अधिकार होगा। इसके लिए वितरण कंपनी को उपभोक्ता को तय समय सीमा के तहत सभी सुविधाएं उपलब्ध करानी होगी। बिना किसी ठोस कारण के कंपनी की तरफ से देरी पर उपभोक्ता को 500 रुपये प्रतिदिन मुआवजा देना होगा। क्योंकि, उपभोक्ता की सौर ऊर्जा का नुकसान हुआ है।

इसके साथ उपभोक्ताओं की शिकायत पर वितरण कंपनी को फौरन कार्रवाई करनी होगी। कोई उपभोक्ता मीटर तेज चलने की शिकायत करता है, तो कंपनी को तीस दिन के अंदर जांच करनी होगी। उपभोक्ता के जांच से संतुष्ट नहीं होने पर किसी तीसरी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करानी अनिवार्य होगी। इसके लिए उपभोक्ता से किसी तरह का कोर्ई शुल्क नहीं लिया जाएगा।

जांच के दौरान उपभोक्ता की शिकायत सही पाई जाती है, तो मीटर लगने से उस समय तक अधिक बिल वसूली को उपभोक्ता के अगले बिलो में एडजस्ट करना होगा। इसके साथ मीटर उपभोक्ता के घर के बाहर लगा हुआ है, तो उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी वितरण एजेंसी की होगी। मीटर घर के अंदर है, तो उसकी सुरक्षा का जिम्मा उपभोक्ता का होगा।

वितरण कंपनी के उपभोक्ता को तय वक्त के अंदर बिल उपलब्ध कराने में नाकाम रहने पर बिल पर पांच फीसदी की छूट देनी होगी। बिल भुगतान के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रावधान होंगे, पर मसौदे के मुताबिक बिल एक हजार रुपये से अधिक है, तो उसे ऑनलाइन भरना होगा। कोई उपभोक्ता बाहर जा रहा है, तो वह तय समय के लिए एडवांस में फिक्सड चार्ज भर सकता है। इस सूरत में वितरण कंपनी उसे कोई नोटिस आदि नहीं भेजेगी।

उपभोक्ता को संबंधित वितरण कंपनी की तरफ से तय की गई समयसीमा के अंदर सुविधा नहीं मिलने पर कंपनी की वेबसाइट पर अपनी शिकायत और मुआवजे की मांग कर सकता है।सभी वितरण कंपनियों को यह नियम लागू होने के छह माह के अंदर तंत्र बनाना होगा। वितरण कंपनी को उपभोक्ता की शिकायत की जांच करते हुए एक सप्ताह के अंदर मुआवजे के बारे में निर्णय लेना होगा। शिकायत सही पाए जाने पर तय मुआवजे की रकम उपभोक्ता के अगले बिल में एडजस्ट कर दी जाएगी।

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