नई दिल्ली। कोरोना महामारी से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने सभी सांसदों के वेतन में एक साल के लिए 30 प्रतिशत सैलरी कटौती करने का ऐलान कर चुकी है। इसके अलावा सांसद निधि भी 2 साल के लिए स्थगित कर दी गई है। इसके अलावा राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने भी अपने-अपने वेतन में कटौती करनेका फैसला किया है। सैलरी की यह कटौती बेसिक सैलरी से होगी।
देश की दिग्गज ऑनलाइन होटल बुकिंग कंपनी OYO होटल ऐंड होम्स ने बुधवार को अपने कर्मचारियों की सैलरी में कटौती करने की घोषणा की है। ओयो के CEO ने कर्मचारियों को लिखे ईमेल में कर्मचारियों से इसे स्वीकार करने की अपील की है। कर्मचारियों के लिखे मेल में कहा गया है कि उनकी फिक्स सैलरी में से 25% काटा जाएगा। यह कटौती अप्रैल-जुलाई 2020 के लिए लागू होगा।
कई लेबर इंटेशिव सेक्टर (श्रम प्रधान क्षेत्र) भी लॉकडाउन के कारण अपने कर्मचारियों को सैलरी देने की स्थिति में नहीं हैं। कपड़े, पावरलूम और स्पोर्ट्स गुड्स क्षेत्र की कंपनियों ने कहा है कि उनके पास मजदूरों को अप्रैल और मई की सैलरी देने के लिए पैसे नहीं हैं। कंपनियों ने सरकार को अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना (ABVKY)स्कीम, एम्प्लाइ स्टेट इंश्योरेंस ऐंड लेबर फंड्स से मजदूरों को वेतन देने की सलाह दी है।
कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन से प्रदेश और केंद्र सरकार की आमदनी में कमी आई है। असम सरकार ने तो यहां तक कह दिया है कि अगर उसे मदद नहीं मिली तो वह कर्मचारियों को सैलरी भी नहीं दे पाएगी। राज्य के वित्त और स्वास्थ्य मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य के लिए मई का महीना बहुत मुश्किल भरा है। मुझे नहीं पता कि राजकोष कैसे चलेगा। फिर भी हम 7 मई के बाद अप्रैल का वेतन देने में सक्षम होंगे। हालांकि, वित्त मंत्री ने कहा कि जून में अगर कोई मदद नहीं मिलती है तो हम बकाए का भुगतान करने की स्थिति में नहीं हो सकते हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से साफ कहा है कि प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कोई कटौती नहीं की जाएगी। उन्हें पूरा वेतन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यूपी में सभी सरकारी कर्मचारियों को उनका पूरा हक मिलेगा।