चीन की मदद में उतरा पाकिस्तान, उत्तर लद्दाख में तैनात किये 20 हजार सैनिक
- सीमा पार के लॉन्चपैडों पर बैठे 200 से अधिक आतंकी, भारत में घुसपैठ का इंतजार
- जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठनों से भी बातचीत कर रहा है चीन
चीन की वायुसेना ने पाकिस्तान के 3 हवाई अड्डों पर तैनात किये लड़ाकू जेट तैनात
नई दिल्ली। भारत के साथ चीन की लगातार नाकाम हो रही वार्ताओं के बीच पाकिस्तान खुलकर चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की मदद में उतर आया है। पाकिस्तान ने पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना की मदद के लिए पाक अधिकृत उत्तर लद्दाख में 20 हजार अतिरिक्त सैनिकों को तैनात किया है। इसके अलावा 200 से अधिक आतंकवादी पुंछ, राजौरी, बारामूला और कुपवाड़ा के विभिन्न लॉन्चपैडों पर भारत में घुसपैठ करने का इंतजार कर रहे हैं। भारत और चीन में तनाव बढ़ने के बाद से पाकिस्तानी सेना आतंकियों की भारत में घुसपैठ कराने के लिए एलओसी पर अंधाधुध फायरिंग कर रही है। हालांकि भारतीय सेना पहले से ही अलर्ट पर है लेकिन अब हाई अलर्ट पर रखा गया है। इतना ही नहीं खुफिया इनपुट यह भी मिला है कि चीन इन दिनों जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठनों से भी बातचीत कर रहा है।
पूर्वी लद्दाख की सीमा पर चल रहे तनाव के बीच चीन पाकिस्तान के रास्ते भारत की घेराबंदी करने की कोशिश कर रहा है। चीन की वायुसेना (पीएलए-एफ) ने पाकिस्तान के 3 हवाई अड्डों कंडवारी, रहीम यार खान और सुक्कुर पर अपने लड़ाकू जेट तैनात कर दिए हैं। पाकिस्तान के वायु क्षेत्र में 20 से अधिक चीनी वायुसेना के लड़ाकू जेट उड़ते दिखाई दिए हैं। पीएलए-एफ के सैकड़ों वायु सैनिक भी पाकिस्तान के इन तीनों हवाई अड्डों के पास नजर आ रहे हैं। पाकिस्तान की सीमा में एयरपोर्ट बनाने के पीछे चीन का तर्क है कि इससे चीन और पाकिस्तान के व्यापार को फायदा मिलेगा लेकिन चीन की मंशा किसी से छुपी नहीं है। चीनी वायु सैनिकों के लिए भारतीय सीमा के पास दो एयरपोर्ट बन चुके हैं जबकि दो और एयरपोर्ट बन रहे हैं। यह भी जानकारी मिली है कि चीनी वायु सैनिक पाकिस्तान के कराची, जकोकाबाद, क्वेटा, रावलपिंडी, सरगोडा, पेशावर, मेननवाली और रिशालपुर जैसे एयरबेस को अत्याधुनिक बना रहे हैं।
भारत के खिलाफ चीन और पाकिस्तान की दोतरफा वॉर रचने की साजिश का खुलासा खुफिया एजेंसियों के जरिये हुआ है जिसके तहत पाकिस्तानी सेना ने गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके में अपने 20 हजार जवानों को तैनात किया है। इन जवानों को जहां पर तैनात किया गया है वह जगह उत्तरी लद्दाख की सीमा के नजदीक है। गिलगित-बाल्टिस्तान का इलाका तकनीकी रूप से जम्मू-कश्मीर में पड़ता है लेकिन 4 नवम्बर 1947 से पाकिस्तान के कब्ज़े में है। 'पाकिस्तान का कब्ज़ा' सुनकर लगता है कि पाक अधिकृत कश्मीर में पड़ता होगा लेकिन यह पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) से बिलकुल अलग है।
भारत से लगातार नाकाम हो रही बातचीत के बीच चीन पाकिस्तान के आतंकी संगठनों को सक्रिय करने का काम भी कर रहा है। इंटेलिजेंस एजेंसियों को जानकारी मिली है कि पाकिस्तानी संगठन अल बदर के कुछ आतंकी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में चीनी अधिकारियों से मिले हैं। चीन भारतीय सीमा के पास पाकिस्तान को बंकर बनाने में भी मदद कर रहा है। दरअसल चीन पाकिस्तान की तरफ भारतीय सीमा के पास हजारों करोड़ का निवेश कर चुका है जिसकी सुरक्षा के लिए चीनी आर्मी भी सक्रिय है।
भारत और चीन के कोर कमांडरों के बीच मंगलवार को 12 घंटे चली तीसरे दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही है। एलएसी पर तनाव कम करने और भारतीय क्षेत्र में चीनी सेना की घुसपैठ रोकने के मकसद से यह बैठक भारत ने बुुुलाई थी, इसीलिए पैंगोंग त्सो के नजदीक भारतीय क्षेत्र चुशूल में दोनोंं देशों के कोर कमांडर आमने-सामने बैठे। इस मैराथन बैठक में एक-दूसरे के निर्माण कार्यों और सेनाओं के पीछे हटने के मुद्दों पर कोई सहमति नहीं बन पाई। भारत-चीन के बीच एलएसी पर वैसे तो 5 विवादित क्षेत्र हैं लेकिन बैठक में फिंगर-4 पर सबसे ज्यादा फोकस रहा जहां से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटने को तैयार नहीं है।