देहरादून। उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने से हुए हादसे के बाद बचाव कार्य जारी है। अब तक यहां 31 शव मिल चुके हैं. इनमें सिर्फ दो शवों की शिनाख्त हुई है, जो तपोवन गांव के रहने वाले लोगों के हैं। इस बीच मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज आपदा ग्रस्त रैणी गांव का दौरा कर हालात का जायजा लिया।
जानकारी के अनुसार, कुल लापता 206 लोगों में से 175 लोगों के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है। इनमें ऋत्विक कंपनी के 21, उसकी सहयोगी कंपनी के 94, एचसीसी कंपनी के 3, ओम मेटल के 21, तपोवन गांव के दो, रिंगी गांव के 2, ऋषि गंगा कंपनी के 55, करछो गांव के 2 और रैणी गांव के 6 लोग शामिल है। इसके अलावा उत्तराखंड पुलिस के 2 जवान भी हैं और 25 से 35 लोगों के टनल में फंसे होने की आशंका है। जिनकी जिंदगी बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन युद्ध स्तर पर जारी है। अभी तक सुरक्षित बचाए गए लोगों में एनटीपीसी से 12 व्यक्ति हैं और 6 लोग घायल भी हैं। घायलों को जोशीमठ में आईटीबीपी के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मुख्यमंत्री ने लिया रैणी गांव का जायजा -
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आपदा प्रभावित सीमांत गांव क्षेत्र रैणी जाकर वहां की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने ग्रामीणों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी हासिल की। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को हर संभव सहायता मुहैया कराने के प्रति आश्वस्त किया। उन्होंने चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया को निर्देश दिए कि कनेक्टिविटी से कट गए गांव में आवश्यक वस्तुओं की कमी ना रहे। उल्लेखनीय है कि रविवार को तपोवन क्षेत्र में हुई भीषण त्रासदी में जिले के जोशीमठ ब्लॉक के सीमांत क्षेत्र के 13 गांवों का सड़क संपर्क टूट गया था।