सोनिया गांधी ने भेदभाव का लगाया आरोप, कहा - मैं बनाम तुम वाली बहस बचकानी
नईदिल्ली। देश में जारी कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा के लिए कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक हुई। जिसमें कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सभी कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री एवं अन्य नेताओं ने भाग लिया। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोरोना संक्रमण के भयावह हालात को लेकर शनिवार को केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत रणनीतियों का नतीजा है कि आज देश में स्थिति इतनी खतरनाक हो गयी है।
सोनिया गांधी ने कहा की विपक्ष के रचनात्मक सुझावों को सुनने के बजाय, केंद्रीय मंत्री उन सुझावों को देने के लिए विपक्ष के नेताओं पर हमला करते हैं। यह "मैं बनाम तुम" वाली बहस बचकानी और पूरी तरह अनावश्यक है। उन्होंने भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा हमारे मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री से बात की और समय-समय पर संबंधित मंत्री से राहत के लिए अनुरोध किया है। उनमें से कुछ के पास केवल कुछ दिनों की वैक्सीन है, कोई ऑक्सीजन या वेंटिलेटर नहीं है। इस बात पर सरकार की ओर से भयंकर चुप्पी साध ली गई।
वैक्सीनेशन की उम्र 25 साल -
सोनिया गांधी ने कहा की 45 साल की उम्रसीमा तय करना आज के समय में सही नहीं है। अस्थमा, मधुमेह एवं अन्य गंभीर बीमारियों से युवा भी परेशान हैं। इसलिए आवश्यक है कि उम्रसीमा को घटाकर 25 साल किया जाए। इसके अलावा उन्होंने सरकार से आवश्यक चिकित्सा उपकरणों व दवाओं को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे से बाहर रखे जाने की भी मांग की। वहीं, कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए कर्फ्यू अथवा लॉकडाउन जैसी व्यवस्था के बीच गरीब परिवारों तक आर्थिक मदद पहुंचाए जाने की बात पर भी जोर दिया।
दूसरी लहर ने प्रभावित किया -
उन्होंने कहा की हम इस तथ्य को नजरअंदाज़ नहीं कर सकते कि कोरोना की दूसरी लहर ने देश को बुरी तरह प्रभावित किया है। एक वर्ष की तैयारी के बाद भी हम सुरक्षा करने में नाकाम रहे। परिवार टूट गए,आजीविका तबाह हो गई और जीवनभर की बचत भी स्वास्थ्य सेवा पर कम पड़ गयी।
मेडिकल सुविधाओं की कमी पर सवाल -
कांग्रेस अध्यक्ष ने अस्पतालों में वेंटिलेटर, बेड, ऑक्सीजन तथा वैक्सीन की कमी को लेकर केंद्र सरकार को निशाने पर भी लिया। उन्होंने कहा कि जब देश के कई कोने से इस प्रकार की कमियों अथवा अव्यवस्था की बात उठ रही है तो फिर केंद्र चुप्पी क्यों साधे हुए हैं। उन्होंने सवाल किया भारत ने लगभग 6.5 करोड़ कोविड-19 वैक्सीन का निर्यात दूसरे देशों में किया है। हमारे अपने देश में दुनिया में सबसे अधिक संक्रमण दर को ध्यान में रखते हुए, क्या वैक्सीन के निर्यात को रोककर नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दी जानी चाहिए?
संवेदना प्रकट की -
इस दौरान सोनिया गांधी ने कोरोना से जंग में अपना सर्वस्व झोंकने वाले स्वास्थ्य एवं सुरक्षा कर्मी जैसे कोरोना वॉरियर्स को सलाम किया। उन्होंने कहा कि इन योद्धाओं की वजह से ही आज इस विकट परिस्थिति में भी देश मजबूती से खड़ा है। वहीं, संक्रमण की वजह से जान गंवाने वाले लोगों के प्रति भी उन्होंने संवेदना प्रकट की।