कोरोना से लड़ने के लिए राज्यों को आवश्यक सामानों की कमी न हो, नियम के तहत करें कार्रवाई : गृह मंत्रालय

Update: 2020-04-08 08:05 GMT

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस की महामारी के दौरान राज्यों को किसी भी आवश्यक सामान की कमी न हो। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर कहा है कि वे अपने-अपने यहां जरूरी सामान की सप्लाई में बाधा नहीं आने दें। साथ ही जो भी इनका स्टाक जमा करता या फिर कालाबाजारी में लिप्त है, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए देश में 21 दिन का लाॅकडाउन है। इस वजह से कई शहरों में जरूरी सामान की सप्लाई और उपलब्धता का संकट खड़ा हो गया है। इसे लेकर केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्यों को लिखी चिट्ठी में अपने यहां जरूरी सामान की सप्लाई के लिए कमोडिटी एक्ट के प्रयोग की बात कही गई है। पत्र में उन्होंने कहा है कि सभी राज्य अपने-अपने यहां जरूरी सामान की सप्लाई में बाधा न आने दें। साथ ही जो भी इनका स्टॉक जमा करता है, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

गृह मंत्रालय ने इसके लिए राज्यों से आवश्यक सामान एक्ट 1955 का इस्तेमाल करने को कहा है, जिसके तहत राज्यों के पास यह शक्ति होती है कि वह किसी भी जरूरी सामान के स्टॉक की एक मात्रा तय कर सकते हैं। इसके अलावा औचक निरीक्षण कर एक्शन लेने की इजाजत भी मिलती है। वहीं केंद्र की तरफ से यह भी कहा गया है कि जरूरी सामान वाली फैक्ट्री को मजदूरों की कमी न हो, इसको भी सुनिश्चित किया जाए।

दरअसल, देश में लॉकडाउन के दो हफ्ते बीत गए हैं, तब से सबकुछ ठप पड़ा है। इस बीच देश के अलग-अलग हिस्सों से सामान की कमी या फिर सामान का दाम बढ़ने जैसी खबरें आ रही हैं। इसी को देखते हुए गृह मंत्रालय ने राज्यों को पत्र लिखा है।

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