लखीमपुर केस : सुप्रीम कोर्ट का उप्र सरकार को निर्देश, गवाहों के बयान जल्द दर्ज कराए

Update: 2021-10-20 09:02 GMT

सुप्रीम कोर्ट

नईदिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर हिंसा मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को गवाहों के बयान धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने जल्द दर्ज कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि सरकार ये धारणा न बनने दे कि वो जांच को लेकर अपने पैर पीछे खींच रही है। मामले की अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को होगी। यूपी सरकार 26 अक्टूबर तक स्टेटस रिपोर्ट दायर करेगी।

सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की ओर से वकील हरीश साल्वे ने कहा कि कुल 10 आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनमें चार आरोपित पुलिस हिरासत में हैं । चार आरोपितों के बयान धारा 164 के तहत दर्ज किए गए हैं। कोर्ट ने यूपी सरकार से गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा। यूपी सरकार ने कोर्ट को गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है।

रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में दाखिल - 

हरीश साल्वे ने कहा कि हमने एक स्टेटस रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में दाखिल किया है। तब चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि हमें यह रिपोर्ट अभी-अभी मिली है। हम कल देर शाम तक इंतजार करते रहे। यूपी की वकील गरिमा प्रसाद ने कहा कि क्राइम सीन रिक्रिएट भी किया गया है। तब जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि यह ठीक है, लेकिन मजिस्ट्रेट के सामने गवाहों के धारा 164 के तहत बयान जरूरी हैं। तब साल्वे ने कहा कि हमें एक हफ्ता दीजिए, परिणाम दिखेंगे।

नई रिपोर्ट देखेंगे -  

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता और वकील शिव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि हमें स्टेटस रिपोर्ट नहीं मिली है। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि अगली बार देखेंगे, नई रिपोर्ट आने दीजिए। चीफ जस्टिस ने यूपी सरकार से कहा कि इस बार सुनवाई से पहले रिपोर्ट दाखिल करें।

आरोपित आम आदमी होता तो उसे इतनी छूट मिलती - 

सुप्रीम कोर्ट ने पिछली 8 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर असंतोष जताते हुए यूपी सरकार से पूछा था कि क्या आरोपित आम आदमी होता तो उसे इतनी छूट मिलती। चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि एसआईटी में सिर्फ स्थानीय अधिकारियों को रखा गया है। यह मामला ऐसा नहीं जिसे सीबीआई को सौंपना भी सही नहीं रहेगा। हमें कोई और तरीका देखना होगा। डीजीपी सबूतों को सुरक्षित रखें।

उल्लेखनीय है कि लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में दर्ज एफआईआर में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा को आरोपी बनाया गया है। आशीष मिश्रा पर आरोप है कि उसकी गाड़ी से दबकर चार लोगों की मौत हो गई। इस मामले में राजनीति गरमा गई है और विपक्षी दलों के नेताओं का दौरा लगातार जारी है।

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