पंजाब-हरियाणा में प्रभावी रहा चक्का जाम, जानिए राज्यों में कैसा रहा आंदोलन
नईदिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में देश भर में आज दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक चक्का जाम किया गया। चक्का जैम को देखते हुए दिल्ली सहित सभी राज्यों में पुलिस चौकस रहीं। देश में कहीं भी किसी प्रकार की हिंसा की खबर सामने नहीं आई। देशव्यापी चक्का जाम समाप्त होने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा की दबाव में सरकार से बात नहीं करेंगे। कानून वापसी के लिए सरकार को 2 अक्टूबर तक का वक्त दिया है।सरकार कृषि क़ानूनों को वापस ले और एमएसपी पर क़ानून बनाए नहीं तो आंदोलन जारी रहेगा। हम पूरे देश में यात्राएं करेंगे और पूरे देश में आंदोलन होगा।
देश भर में चक्का जाम का ऐसा रहा हाल -
हरियाणा -
हरियाणा में किसान आंदोलन का व्यापक असर रहा। भिवानी में 10, जींद में 15, यमुनानगर में 12, करनाल में 10 और कैथल 5 में जगहों पर चक्काजाम किया गया। यहां सभी स्कूलों की छुट्टी कर दी गई एवं रोडवेज की बसें सहित सभी वाहनों की आवाजाही बंद रहीं।
पंजाब -
हरियाणा के बाद पंजाब में भी चक्का जाम का असर नजर आया। यहां बड़ी संख्या में किसान सड़कों पर उतरा और जाम लगाया। पंजाब के संगरूर, बठिंडा, अमृतसर, पटियाला, फतेहगढ़ साहिब, फाजिल्का, मुक्तसर, कपूरथला, गुरदासपुर आदि जिलों में किसान सड़क पर बैठ गए। जिससे यहां 3 घंटों के लिए आवाजाही बंद रहीं।
मध्यप्रदेश -
मप्र में कुछ जिलों को छोड़कर चक्का जाम बेअसर रहा। इंदौर एवं सागर में किसान हाइवे बंद कराने पहुंचे लेकिन संख्या कम होने की वजह से वापिस लौट गए। उज्जैन में डेढ़ घंटे बाद ही चक्का जाम खुल गया और किसान लौट गए। भोपाल में किसान चक्का जाम कराने के लिए घरों से बाहर ही नहीं निकले। वहीँ ग्वालियर में थोड़ा असर नजर आया यहां 3 स्थानों पर चक्का जैम किया गया।
राजस्थान -
राजस्थान में भी किसान आंदोलन प्रभावी रहा। यहां कांग्रेस के समर्थन में कई जगह रैली निकाली गई एवं चक्का जाम किया गया। जयपुर।, कोटा, अलवर दौसा सहित प्रदेश भर में स्टेट एवं नेशनल हाइवे बंद रहें
तेलंगना -
हैदराबाद में हाइवे बंद कराने सड़क पर एकत्र हुए किसनों को पुलिस ने हटा दिया।
कर्नाटक-
किसानों ने मैसूर-बेंगलुरु हाइवे पर चक्का जाम किया इसके अलावा बनकापुर टोल पर और टोल के पास नेशनल हाइवे पर चक्का जाम किया