देहरादून। उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ स्थित ऋषिगंगा में आई आपदा की वजह से लापता लोगों को मृत घोषित करने की इजाजत मिल गई है। उप महारजिस्ट्रार जन्म एवं मृत्यु की ओर से इस संदर्भ में जारी नोटिफिकेशन के बाद राज्य सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं। सरकार ने लापता लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए पंजीकरण कराने के लिए अभिहित अधिकारी और दावों व आपत्तियों के निस्तारण के लिए अपीलीय अधिकारियों को नामित कर दिया है।
स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी की ओर से जारी आदेशों के अनुसार सभी जिलाधिकारियों एवं जन्म मृत्यु पंजीकरण अधिकारियों को इस संदर्भ में प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया है। इसके साथ ही सरकार ने लापता लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए पंजीकरण कराने के लिए अभिहित अधिकारी और दावों व आपत्तियों के निस्तारण के लिए अपीलीय अधिकारियों भी नामित कर दिए हैं। राज्य के सभी जिलों के परगना मजिस्ट्रेट या उप जिलाधिकारियों को अभिहित अधिकारी जबकि जिलाधिकारियों व अतिरिक्त जिलाधिकारियों को अपीलीय अधिकारी नामित किया गया है।
मृत घोषित करने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया -
राज्य सरकार ने इस संदर्भ में केंद्र को पत्र लिखा था जिसके बाद अब केंद्र की ओर से आपदा में लापता लोगों को मृत घोषित करने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इसके आधार पर उनके परिजनों को आपदा राहत राशि व एनटीपीसी की ओर से मिलने वाली आर्थिक सहायता मिलने का रास्ता भी साफ हो जाएगा। राज्य सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि चमोली आपदा में जो व्यक्ति जहां पर लापता हुआ उसे वहीं के अभिहित अधिकारी द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। इस संदर्भ में कोई भी अपील जिलाधिकारी से की जा सकती है।
मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए प्रक्रिया -
आपदा में लापता लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए प्रक्रिया भी तय की गई है। इसके तहत लापता व्यक्ति के उत्तराधिकारी या निकट संबंधी शपथ पत्र के साथ निवास के स्थान पर गुमशुदगी दर्ज कराएंगे। तीस दिन तक दावे व आपत्तियां मांगी जाएंगी यदि कोई आपत्ति नहीं आई तो तीस दिन बाद मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाएंगे।