केंद्र ने छात्रों के बस्ते के वजन को लेकर राज्यों को जारी किए दिशा-निर्देश
पहली और दूसरी कक्षा के छात्रों को नहीं मिलेगा गृह कार्य, 10वीं कक्षा का बैग 5 किलो से भारी नहीं होगा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों को कक्षाओं में पढ़ाये जाने वाले विषय तय करने के साथ ही छात्रों के बस्ते के वजन को घटाने को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने इस संबंध में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रिंसिपल, हेडमास्टर, राज्य परियोजना निदेशक, एसएमएसए, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, शिक्षा (डीपी) और पीसीसी के पीए को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें पहली और दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों को गृह कार्य नहीं देने के साथ-साथ पहली से 10वीं कक्षा तक के छात्रों के बस्ते का वजन निर्धारित किया है।
HRD ministry instructs all states and union territories to formulate guidelines to regulate the teaching of subjects and weight of school bags according to Indian Govt instructions: Ministry of Human Resource Development
— ANI (@ANI) November 26, 2018
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्र के निर्देर्शों के अनुसार अपने यहां शिक्षण विषयों और स्कूल बैग के वजन को नियंत्रित करने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने का निर्देश दिया गया है।
मानदंडों के मुताबिक, पहली और दूसरी कक्षा के लिए बस्ते का वजन केवल डेढ़ किलोग्राम होना चाहिए। तीसरी से पांचवीं कक्षा तक के छात्रों के बस्ते का वजन दो से तीन किलोग्राम तय किया गया है। छठी से सातवीं कक्षा के लिए बस्ते के वजन की अधिकतम सीमा चार किलो निर्धारित की गई है। आठवीं और नौवीं कक्षा के लिए यह साढ़े चार किलोग्राम से अधिक नहीं हो सकता है। दसवीं कक्षा के लिए छात्रों के बस्ते का अधिकतम वजन पांच किलोग्राम तक तय किया गया है।
पहली और दूसरी कक्षा में गणित और भाषा के अलावा कोई अन्य विषय नहीं पढ़ाया जाना चाहिए। तीसरी से पांचवीं तक राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा निर्धारित विषय ही भाषा, पर्यावरण अध्ययन (ईवीएस) और गणित में पढ़ाये जाने चाहिए। छात्रों से इसके अलावा अतिरिक्त पुस्तकें और अतिरिक्त पाठ्य सामग्री नहीं मंगाई जानी चाहिए।