शिक्षा : शोध कार्य को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने मंजूर किए 414 करोड़ रुपए

केंद्र ने सामाजिक विज्ञान में शोध को बढ़ावा देने के लिए शुरू की इम्प्रेस योजना

Update: 2018-10-25 14:55 GMT

नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। केंद्र सरकार ने उच्च शिक्षण संस्थानों में सामाजिक विज्ञान क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने के लिए आज 'सामाजिक विज्ञान में कारगर नीति अनुसंधान (इम्प्रेस)' योजना शुरू करने के साथ ही बेसिक विज्ञान क्षेत्र में शोध के लिए अकादमिक शोध एवं गठजोड़ प्रोत्साहन योजना (स्पार्क) की औपचारिक शुरुआत की। सरकार ने इसके लिए बेब पोर्टल भी लॉन्च किए।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इम्प्रेस योजना के अंतर्गत उच्च शिक्षा संस्थानों में सामाजिक विज्ञान अनुसंधान को बढ़ावा देने और नीति निर्माण में अनुसंधान का लाभ उठाने के लिए दो वर्ष की अवधि में 1500 अनुसंधान परियोजनाएं दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि समाज की प्रगति के लिए सामाजिक विज्ञान में अनुसंधान अनिवार्य है। इम्प्रेस योजना के अंतर्गत किए गए अनुसंधान का इस्तेमाल उन समस्याओं के समाधान के लिए किया जाएगा, जिनका सामना समाज को करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में शोध को अधिक प्रोत्साहन देने के लिए आज एक नई योजना स्पार्क की औपचारिक शुरुआत की है। हमारे उच्च शिक्षण संस्थान दुनिया के नामी संस्थानों के साथ मिलकर शोध और अनुसन्धान करें, यह इस योजना की कल्पना है।

उन्होंने बताया कि सरकार ने इस वर्ष अगस्त में 414 करोड़ रुपये की कुल लागत के साथ इम्प्रेस योजना को मंजूरी दी थी। इसे 31 मार्च 2021 तक कार्यान्वित करने का लक्ष्य दिया गया है। भारतीय सामाजिक विज्ञान एवं अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) को परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी बनाया गया था।

योजना का प्रमुख लक्ष्य शासन और समाज पर अधिकतम असर डालने वाले सामाजिक विज्ञानों में अनुसंधान प्रस्तावों की पहचान और उनके लिए धन प्रदान करना है। ग्यारह प्रमुख विषय क्षेत्रों में अनुसंधान पर ध्यान केन्द्रित करना जैसे- राज्य और लोकतंत्र, शहरी रूपांतरण, मीडिया, संस्कृति और समाज, रोजगार, कौशल और ग्रामीण रूपांतरण, शासन, नवाचार और सार्वजनिक नीति, विकास, वृहद-व्यापार एवं आर्थिक नीति, कृषि और ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य और पर्यारवरण, विज्ञान और शिक्षा, सामाजिक मीडिया और प्रौद्योगिकी, राजनीति, विधि और अर्थशास्त्र।

कार्यक्रम के प्रमुख लक्ष्य में परियोजनाओं का चयन ऑनलाइन पद्धति से पारदर्शी, प्रतिस्पर्धात्मक प्रक्रिया के जरिए सुनिश्चित करना, सभी विश्वविद्यालयों (केन्द्रीय और राज्य), विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा 12(बी) का दर्जा प्रदत्त प्राइवेट संस्थानों सहित देश के किसी भी संस्था‍न में सामाजिक विज्ञान अनुसंधानकर्ताओं के लिए अवसर प्रदान करना है। आईसीएसएसआर वित्‍त पोषित/मान्‍यता प्राप्‍त अनुसंधान संस्‍थान भी निर्दिष्‍ट विषयों और उप‍-विषयों में अनुसंधान प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत करने के पात्र होंगे।

कार्यान्‍वयन के तौर-तरीके के अंतर्गत प्रस्‍ताव चार बार आमंत्रित किए जाएंगे, जिनमें अक्‍टूबर, 2018, फरवरी, 2019, सितम्‍बर, 2019 और फरवरी, 2020 । प्रस्‍तावों के मूल्‍यांकन और चयन की प्रक्रिया 90 दिन के भीतर पूरी की जाएगी। प्रस्‍तावों का मूल्‍यांकन सम्‍बद्ध क्षेत्र के प्रतिष्ठित और विशिष्‍ट व्‍यक्तियों द्वारा किया जाएगा। ऑनलाइन पोर्टल का इस्‍तेमाल करते हुए परियोजनाओं की नियमित रूप से निगरानी की जाएगी, जहां परियोजना समन्‍वयक द्वारा प्रगति को सीधे अद्यतन बनाया जाएगा और मार्च, 2021 में परियोजनाओं का तृतीय पक्ष मूल्‍यांकन होगा।  

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