छत्तीसगढ़ नान घोटाला: पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा को झटका, जमानत याचिका ख़ारिज, हाई कोर्ट ने ACB से मांगा जवाब

Update: 2024-11-28 07:13 GMT

Chhattisgarh High Court

Satish Chandra Verma's Bail Plea Rejected : बिलासपुर। पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने सतीश चंद्र वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका को ख़ारिज करते हुए निचली अदालत का फैसला बरकरार रखा है। हाई कोर्ट में इस मामले की अगली एक हफ्ते बाद तय की है।

ACB- EOW से मांगा जवाब

जस्टिस रविंद्र अग्रवाल के सिंगल बेंच में सुनवाई के दौरान पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा की ओर से मामले में EOW पर झूठे आपराधिक केस में फंसाने का आरोप लगाया, जिस पर उन्होंने अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। जस्टिस ने एफआईआर पर स्टे देने से इंकार करते हुए एसीबी-ईओडब्ल्यू से जबाव तलब किया है।

बता दें कि, पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने ACB की स्पेशल कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका लगाईं थी, लेकिन कोर्ट ने याचिका को ख़ारिज कर दिया था। इसके बाद पूर्व महाधिवक्ता ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

ये है पूरा मामला 

EOW की ओर से दर्ज एफआईआर के अनुसार, पूर्व आईएएस डॉ. आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा ने तत्कालीन महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा से पद का दुरूपयोग करते हुए लाभ लिया। दोनों अफसरों ने तत्कालीन महाअधिवक्ता वर्मा को लोक कर्तव्य को गलत तरीके से करने के लिए प्रेरित किया था।

ईओडब्ल्यू का आरोप है कि इसके बाद तीनों ने मिलकर एजेंसी (EOW) में काम करने वाले उच्चाधिकारियों से दस्तावेज और विभागीय जानकारी में बदलाव करवाया, ताकि नागरिक आपूर्ति निगम के खिलाफ 2015 में दर्ज एक मामले में अपने पक्ष में जवाब तैयार कर हाईकोर्ट में अपना पक्ष मजबूती से रख सकें और उन्हें अग्रिम जमानत मिल सके।

EOW ने डॉ. आलोक शुक्ला, अनिल टुटेजा, सतीश चंद्र वर्मा और अन्य पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 7क, 8, 13(2) और भारतीय दंड संहिता की धारा 182, 211, 193, 195-ए, 166-ए, और 120बी के तहत अपराध दर्ज किया।

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