कोयला के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रहा है भारत

Update: 2024-01-22 20:55 GMT

- देश में अप्रैल-दिसंबर के दौरान कोयला आयात 40.66 फीसदी घटा

नई दिल्ली (New Delhi)। भारत (India) कोयला क्षेत्र (coal field) में आत्मनिर्भरता की ओर कदम (Steps towards self-reliance) बढ़ा रहा है। देश में कोयला आधारित बिजली का उत्पादन (coal based power generation) चालू वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-दिसंबर के दौरान पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 10.13 फीसदी की उल्लेखनीय वृद्धि (Significant increase of 10.13 percent) दर्ज हुई है, जबकि इसी अवधि के दौरान कुल बिजली के उत्पादन में 6.71 फीसदी की वृद्धि हुई है।

कोयला मंत्रालय ने सोमवार को जारी बयान में बताया कि देश का बिजली उत्पादन चालू वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-दिसंबर के दौरान 7.14 फीसदी बढ़कर 872 अरब यूनिट हो गया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में बिजली उत्पादन 813.9 अरब यूनिट रहा था। मंत्रालय के मुताबिक यह देश में बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए कोयले के घरेलू उत्पादन में मजबूत वृद्धि को दिखाता है।

मंत्रालय के मुताबिक बिजली की बढ़ती मांग के बावजूद बिजली संयंत्रों द्वारा कोयले का आयात अप्रैल-दिसंबर के दौरान 40.66 फीसदी कम होकर 17.08 मीट्रिक टन (एमटी) रह गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 28.78 मीट्रिक टन रहा था। भारत में बिजली पारंपरिक (थर्मल, परमाणु और पनबिजली) और नवीकरणीय स्रोतों (पवन, सौर, बायोमास आदि) से पैदा होती है। दरअसल कोयला बिजली उत्पादन का प्रमुख स्रोत है, जो कुल उत्पादित बिजली का 70 फीसदी से अधिक है।

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