चांद पर सूरज की पहली किरण पड़ते ही नींद से जाग जाएंगे 'विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर'
चंद्रयान-3 का लैंडर 'विक्रम' 23 अगस्त की शाम 6 बजे चांद की सतह पर सफलतापूर्वक उतरा था।
नईदिल्ली। चंंद्रमा की सतह पर निष्क्रिय किए गए चंद्रयान 3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को शनिवार को एक बार फिर से सक्रिय किया जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 23 सितंबर को इन दोनों को फिर से सक्रिय करने की योजना बनाई है। चंद्रमा में सूर्यास्त के कारण तीन सितंबर को विक्रम लैंडर को स्लीप मोड में भेज दिया गया था। इससे पहले प्रज्ञान रोवर को बैटरी डिस्चार्ज होने के कारण स्लीप मोड में भेज दिया गया था।
इसरो के निदेशक नीलेश देसाई ने गुरुवार को बताया कि चंद्रमा पर 20 सितंबर से सूर्योदय शुरू हो गया है। इसलिए अब चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को एक बार फिर सक्रिय किया जाएगा। उससे लैंडर और रोवर में मौजूद सोलर पैनल रिचार्ज हो जाएंगे। तीन सितंबर से दोनों ही स्लीप मोड में रखे गए थे।
अधिक प्रयोगात्मक डेटा
उन्होंने बताया कि योजना के अनुसार 23 सितंबर को रोवर और लैंडर को पुनर्जीवित किया जाएगा। इसके साथ इस बात पर भी विचार किया जा रहा है कि यह रात में -120 से -200 C के तापमान को कितना झेल सकता है। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि हमारे पास लैंडर पर चार और रोवर पर दो सेंसर हैं, और उनमें से कुछ काम कर सकते हैं। इस वजह से हमारा प्रयोग आगे बढ़ेगा। हमें और अधिक प्रयोगात्मक डेटा मिल सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि चंद्रयान-3 का लैंडर 'विक्रम' 23 अगस्त की शाम 6 बजे चांद की सतह पर सफलतापूर्वक उतरा था।