राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण ठुकराने पर कांग्रेस में दो फाड़, नेताओं ने बताया राम भक्तों का अपमान
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का किया ऐलान
नईदिल्ली।अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर के उद्घटान को लेकर देश भर में राम भक्तों में बेहद उत्साह है। हर श्रद्धालु इस पावन दिन पर अयोध्या पहुंचकर भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का साक्षी बनना चाहता है। इसी बीच कांग्रेस नेताओं ने समारोह का निमंत्रण दिए जाने पर जाने से इंकार कर दिया है।जिसके बाद देश भर में कांग्रेस की आलोचना हो रही है।अब इस कड़ी में में कांग्रेस के नेता भी शामिल हो गए है। जिन्होंने हाईकमान के इस फैसले पर सवाल उठाएं है।
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सोनिया गाँधी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन के इस फैसले को राम विरोधी बताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा - " राम मंदिर के निमंत्रण को ठुकराना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और आत्मघाती फैसला है,आज दिल टूट गया।"
वहीँ गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अंबरीश डेरे ने भी सोनिया गांधी के फैसले पर नाराजगी जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम हमारे आराध्य देव हैं इसलिए यह स्वाभाविक है कि भारत भर में अनगिनत लोगों की आस्था इस नवनिर्मित मंदिर से वर्षों से जुड़ी हुई है। उन्होंने आगे लिखा,कांग्रेस के कुछ लोगों को उस खास तरह के बयान से दूरी बनाए रखनी चाहिए और जनभावना का दिल से सम्मान करना चाहिए। इस तरह के बयान से मेरे जैसे कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं के लिए निराशा है। जय सियाराम।
इससे पहले गुजरात के कांग्रेस विधायक अर्जुन मोढवाडिया ने आलाकमान के फैसले पर आपत्ति जाहिर की है। एक्स पर उन्होंने लिखा, भगवान श्री राम आराध्य देव हैं। यह देशवासियों की आस्था और विश्वास का विषय है। कांग्रेस को ऐसे राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहना चाहिए था।
हिमाचल के मंत्री जाएंगे अयोध्या -
इसी बीच हिमाचल में कांग्रेस सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने पार्टी लाइन से अलग हटकर फैसला लिया है। उन्होंने दो दिन पहले ही ऐलान कर दिया की वे 22 जनवरी को अयोध्या जाएंगे। उन्होंने विहिप और राम मंदिर ट्रस्ट का निमंत्रण के लिए धन्यवाद भी दिया है।
बता दें की बुधवार को कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक पत्र जारी कर ऐलान किया था कि राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होगी। उन्होंने इसे आस्था नहीं बल्कि राजनीतिक इवेंट बताया था।