क्रेडिट सोसाइटियों का राष्ट्रीय अधिवेशन दिल्ली में आयोजित करेगी सहकार भारती

राजधानी के पूसा मेला ग्राउंड में दो और तीन दिसंबर को क्रेडिट सोसाइटियों के राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी सहकार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री डॉक्टर उदय जोशी ने मंगलवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में दी।

Update: 2023-11-21 08:07 GMT

नई दिल्ली । राजधानी के पूसा मेला ग्राउंड में दो और तीन दिसंबर को क्रेडिट सोसाइटियों के राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी सहकार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री डॉक्टर उदय जोशी ने मंगलवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में दी।

जोशी ने बताया कि इस अधिवेशन में पूरे देश से सहकारिता से जुड़े लगभग 10 हजार कार्यकर्ता हिस्सा लेने आएंगे। कार्यक्रम के उद्घाटन के लिए केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह को आमंत्रित किया गया है । उन्होंने बताया कि वर्तमान में देश में क्रेडिट सोसाइटियां समाज के आर्थिक समावेश के लिए अच्छा कार्य करते हुए भी अनेक समस्याओं का सामना कर रही हैं, जिसका समाधान केंद्र सरकार के माध्यम से हो सकता है। केंद्र सरकार के सामने क्रेडिट सोसाइटियों की समस्याओं को संगठित रूप से प्रस्तुत करने के लिए सहकार भारती ने यह अधिवेशन बुलाया है।

जोशी ने कहा कि इस अधिवेशन के लिए एक स्वागत समिति का गठन किया गया है, जिसके अध्यक्ष पद पर काम करने के लिए बुलडाणा अर्बन क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के संस्थापक अध्यक्ष राधेश्याम चांडक ने स्वीकृति दी है। इस राष्ट्रीय अधिवेशन में, क्रेडिट सोसाइटियों के वार्षिक वित्तीय विवरण की प्रतियोगिता का भी आयोजन किया है। वार्षिक वित्तीय विवरण प्रतियोगिता में हर प्रदेश स्तर से दो व केंद्रीय स्तर पर तीन संस्थाओं को चुनकर विशेष सम्मान अधिवेशन के समापन सत्र में किया जाएगा । जोशी ने कहा कि सहकार भारती की ओर से आयोजित इस राष्ट्रीय अधिवेशन में क्रेडिट सोसाइटियों के निदेशक/पदाधिकारी, कर्मचारी, फेडरेशन्स और एसोसिएशन्स आदि सभी को सम्मिलित किया गया है।

उल्लेखनीय है कि सहकार भारती 28 प्रदेशों व 650 से अधिक जिला केंद्रों में कार्य कर रही है। यह सहकारिता क्षेत्र में सुसंस्कारित, ऊर्जावान कार्यकर्ताओं की टोली का निर्माण करना, सहकारी समितियों का प्रतिनिधित्व करना, सहकारी समितियों की समस्या समाधान के लिए प्रयास करना, सहकारी क्षेत्र से जुड़े सभी का प्रशिक्षण व क्षमता विकास के लिए प्रयास करना, अनुसंधान करना, नई सहकारी समितियों का गठन करने सहित अनेक मुद्दों पर काम करती है।

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