कर्नाटक में क्रैश हुआ भारतीय वायुसेना का ट्रेनी विमान, दोनों पायलट की बची जान
हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश
बेंगलुरु/वेबडेस्क। कर्नाटक में चामराजनगर के मकाली गांव के पास गुरुवार को भारतीय वायुसेना का एक किरण ट्रेनर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में एक महिला और एक पुरुष पायलट थे, जो पूरी तरह सुरक्षित हैं। भारतीय वायुसेना ने दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है। यह दुर्घटना नियमित प्रशिक्षण उड़ान के दौरान हुई।
वायुसेना ने एक बयान में बताया है कि एक नियमित प्रशिक्षण उड़ान के दौरान भारतीय वायुसेना का एक सूर्य किरण प्रशिक्षण विमान कर्नाटक के चामराजनगर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटना से पहले एक महिला पायलट सहित दोनों पायलट सुरक्षित बाहर निकल गए। हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं। इस समय किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। आगे के ब्यौरे की प्रतीक्षा है।
पहले भी हुईं हैं दुर्घटनाएं
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि जब सूर्य किरण एयरक्राफ्ट इस तरह से हादसे का शिकार हुआ हो। बेंगलुरु में 2019 में एयर शो से एक दिन पहले फाइनल प्रैक्टिस के दौरान दो सूर्य किरण विमान आसमान में आपस में टकरा गए। इस हादसे में एक पायलट की मौत हो गई थी। इससे पहले 18 मार्च, 2006 में बीदर एयरफोर्स स्टेशन के पास एक सूर्यकिरण विमान हादसे का शिकार हो गया था। इस दौरान दो पायलट घायल हो गए थे। बीजू पटनायक एयरपोर्ट पर 23 दिसंबर, 2007 में मिलिट्री ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट एचजेटी-16 किरण हादसे का शिकार हो गया था। इसमें पायलट समय रहते बच निकला था। 21 जनवरी, 2009 को बीदर एयरफोर्स स्टेशन के पास एक हादसे में विंग कमांडर घायल हो गए थे।
सूर्य किरण एयरोबैटिक टीम -
सूर्य किरण वायुसेना की एयरोबैटिक टीम है, जिसका गठन 1996 में किया गया था। यह टीम एयरफोर्स की 52वीं स्क्वाड्रन का हिस्सा थी। इस टीम ने कई जगहों पर अपने करतबों से सभी को मंत्रमुग्ध किया है। सूर्य किरण टीम का हिस्सा बने लाल रंग के विमान एयर शो के दौरान आसमान में तीन रंगों का धुंआ छोड़ते हुए दिखाई देते हैं। इसके अलावा यह आसमान में दिल और तीर का निशान भी बनाते हैं। इनके करतब का टाइम एयर शो की जगह के हिसाब से तय होता है, जो करीब दस से बीस मिनट की होती है।
एयर शो के पहले हॉफ में सभी विमान एक साथ फोर्मेशन को अंजाम देते हैं, जबकि दूसरे हॉफ में यह टुकड़ों में बंट कर अलग अलग फोर्मेशन बनाते हैं। सूर्य किरण टीम एक वर्ष के अंदर करीब 30 एयर शो करती है। इस दौरान इसके नौ विमान आसमान में करतब दिखाते हुए तीन-तीन के दल में अलग-अलग फोर्मेशन बनाते हैं। इस दौरान इनकी स्पीड 150 से 650 किमी प्रतिघंटे की होती है।