नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को मीडिया जगत से लोगों को 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' (एआई) और 'डीप फेक' पर लोगों को शिक्षित करने का आग्रह किया और कहा कि ‘डीप फेक’ एक बड़ी चिंता बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस तकनीकी का इस्तेमाल कर कोई भी असंतोष की आग बहुत तेजी से फैला सकता है।
भारतीय जनता पार्टी द्वारा नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में आयोजित दीपावली मिलन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने मीडिया हाउसों से 40 वर्ष से अधिक उम्र के पत्रकारों के लिए स्वास्थ्य देखभाल तंत्र विकसित करने का भी आग्रह किया। उन्होंने पिछले दिनों कोविड के अलावा भी छोटी आयु के अनेक पत्रकारों के आकस्मिक निधन पर चिंताई। प्रधानमंत्री ने कहा कि कम से कम 40 वर्ष की आयु के बाद एक नियमित स्वास्थ्य जांच होनी चाहिए। पत्रकारों की तनावपूर्ण और आपाधापी पूर्ण दिनचर्या का हवाला देते हुए मोदी ने कहा कि सरकार और मीडिया हाउस मिलकर ऐसी कोई ऐसी व्यवस्था विकसित कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने लोक जागरण और जागरुकता के विषयों पर मीडिया की भूमिका के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि आपने ही स्वच्छता के आह्वान को एक राष्ट्रव्यापी अभियान बनाने में सहयोग किया। इसलिए मैं दीपावली के शुभ अवसर पर आप लोगों से एक प्रकार की मदद मांग रहा हूं। आज सबसे बड़ी चुनौती और संकट यह 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' (एआई) और 'डीप फेक' बनता जा रहा है। भारत का बहुत बड़ा वर्ग ऐसा है जिसके पास किसी सूचना या अफवाह के वैरिफिकेशन के लिए कोई तंत्र नहीं है। ऐसे में यह ‘डीप फेक’ भविष्य के लिए बड़ा संकट खड़ा कर सकता है। यह किसी षड्यंत्र के तहत पैदा किए गए असंतोष की आग को बहुत तेजी से फैला सकता है। प्रधानमंत्री ने मीडिया से इस दिशा में लोगों को शिक्षित करने का आग्रह किया।
इसी कड़ी में प्रधानमंत्री ने अपने ऐसे ही एक वीडियो का जिक्र किया, जिसमें वह गरबा खेलते दिख रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैंने हाल ही में एक वीडियो देखा जहां मैं गरबा गा रहा था। हांलाकि स्कूल के दिनों में मैं गरबा गाया करता था, पर उसके बाद मुझे कभी गरबा गाने या खेलने का कोई अवसर ही नहीं मिला।लेकिन एआई और डीप फेक की मदद से हाल ही में एक वीडियो बनाकर प्रचारित कर दिया गया। इसमें मेरी कॉपी को हू-ब-हू गरबा खेलते हुए देखा जा सकता है। इसे मनोरंजन के लिए प्रयोग किया जाए तो अलग बात है। पर कुछ अलग तरह की बातों को इसी प्रकार से प्रस्तुत करने पर समाज में आक्रोश भी पनप सकता है। एआई या डीप फेक की समस्या ही यही है कि सच क्या है, यही समझना बहुत कठिन हो जाता है। इसलिए मैंने इस विषय में जागरुकता के लिए मीडिया से आगे आने और अपनी भूमिका निभाने को कहा है।
मोदी ने भारत को 'विकसित भारत' बनाने के अपने संकल्प का भी जिक्र किया और कहा कि ये केवल शब्द नहीं बल्कि जमीनी हकीकत है। उन्होंने कहा कि 'वोकल फॉर लोकल' के आह्वान को जनता से व्यापक समर्थन मिला है। इस त्योहारी सीजन के एक सप्ताह में 4.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का करोबार हुआ है। ये देश के लिए बहुत बड़ी बात होती है, इससे हर छोटे-मोटे व्यक्ति की कमाई होती है। मैं इसी ताकत के आधार पर कहता हूं कि हम 'विकसित भारत' के संकल्प को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा सकते हैं। उन्होंने सभी मीडिया घरानों और संस्थानों से आग्रह किया कि वे देश के किन्हीं भी 10 बड़े नगरों का चयन करें और वहां सभी उद्योजकों, बड़े संस्थानों के प्रमुखों और लोगों के बीच संवाद कराएं कि आखिर वे अपने नगर को तीन ट्रिलियन की अर्थ व्यवस्था कब तक बना सकते हैं। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इसी से भारत को विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का मार्ग प्रशस्त होगा।
दीपावली की शुभकामनाएं देने के साथ ही उन्होंने इस बात पर काफी प्रसन्नता व्यक्त की कि छठ पूजा भी एक 'राष्ट्रीय पर्व' बन गया है। यह बहुत खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि पहले कुछ राज्यों के अधिकांश पर्व वहीं तक सीमित रहते थे लेकिन इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का प्रभाव बढ़ने से नवरात्रि, दुर्गापूजा और पतंगबाजी भी ग्लोबल हो गये हैं। मोदी ने कोविड-19 के कठिन समय को याद करते हुए कह कि उस कालखंड में हमने अनेक साथियों को खोया, जिनमें कई परिचित पत्रकार और उनके परिवारजन भी थे। कोविड़ के चलते पिछले कई वर्ष में दीपावली मिलन भी नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि कोविड के संकट में दुनिया की तुलना में भारत की जो उपलब्धियां हैं, उसने देश के लोगों में, दुनिया में एक विश्वास पैदा किया है कि भारत अब रुकने वाला नहीं है।अपने संबोधन के बाद प्रधानमंत्री मोदी मंच से उतरकर पत्रकारों की दीर्घा में भी गए। सभी से बहुत प्रसन्नतापूर्वक मिले और उनके आग्रह पर सेल्फी भी खिंचवाई और स्वयं भी उनके मोबाइल लेकर सेल्फी लेकर दी।