प्रधानमंत्री पर्यटकों को बताएं उत्तराखंड में घूमने के लिए स्थान, जानिए कहां-कहां जा सकते है
जागेश्वर धाम की गणना देश के 12 ज्योर्तिलिंगों में होती है। कहा जाता है कि यहीं से देश में महादेव शिव की लिंग स्वरूप में पूजा शुरू हुई थी
नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र ने हाल ही में उत्तराखंड दौरा किया है। इस दौरान उन्होंने पार्वती कुंड और जागेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना की। उन्होंने यहां से आदि कैलाश पर्वत के दर्शन किए। अब उन्होंने उत्तराखंड में जाने वाले पर्यटकों को सुझाव देते हुए राज्य के कुछ पर्यटक स्थल सुझाएं है। उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा - ‘यदि कोई मुझसे पूछे- आपको उत्तराखंड में एक जगह अवश्य देखनी चाहिए तो वह कौन सी जगह होगी, तो मैं कहूंगा कि आपको राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में पार्वती कुंड और जागेश्वर मंदिर अवश्य देखने चाहिए। प्राकृतिक सुंदरता और दिव्यता आपको मंत्रमुग्ध कर देगी।’
उन्होंने आगे लिखा - "बेशक, ‘उत्तराखंड में घूमने लायक कई प्रसिद्ध जगहें हैं और मैंने भी अक्सर राज्य का दौरा किया है। इसमें केदारनाथ और बद्रीनाथ के पवित्र स्थान शामिल हैं, जो सबसे यादगार अनुभव हैं। लेकिन, कई वर्षों के बाद पार्वती कुंड और जागेश्वर मंदिर में जाना विशेष रहा।’ यह भूलना नही चाहिए कि प्रधानमंत्री मोदी ने जबसे उत्तराखंड के चार धाम यानी बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री को प्रमोट किया है, तब से चार धाम में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। इस बार यहां करीब 50 लाख श्रद्धालु तीर्थयात्री पहुंच चुके हैं। ऐसे ही यदि प्रधानमंत्री अब कुमाऊं मंडल के दो स्थानों की बात कर रहे हैं तो इसके भी दूरगामी सकारात्मक परिणाम होने की पूरी उम्मीद की जा सकती है।
जागेश्वर धाम से जनता अनजान -
गौरतलब है कि जागेश्वर धाम की गणना देश के 12 ज्योर्तिलिंगों में होती है। कहा जाता है कि यहीं से देश में महादेव शिव की लिंग स्वरूप में पूजा शुरू हुई थी। यहां महादेव शिव की बाल और वृद्ध स्वरूपों में पूजा की जाती है। यहां शिव ने स्वयं सप्त ऋषियों के साथ तपस्या की थी। किंतु आज भी जागेश्वर उत्तराखंड के बाहर देशवासियों के लिये अनजान स्थान है।इसी तरह पार्वती कुंड, जहां भारत में स्थित महादेव के घर कहे जाने वाले कैलाश पर्वत की प्रतिकृति छोटा या आदि कैलाश के साक्षात दर्शन होते हैं। इन धार्मिक महत्व के बड़े स्थान से भी देशवासी अनजान हैं। जबकि देश में ही महादेव से जुड़े अन्य सभी ज्योर्तिलिंगों सहित अन्य धार्मिक स्थलों में वर्ष भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।
ऐसे में यदि प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर देश-दुनिया के श्रद्धालु जागेश्वर व पार्वती कुंड का रुख करते हैं तो इससे पूरे कुमाऊं मंडल को आर्थिक तौर पर नया बूस्ट और यहां आने वाले श्रद्धालुओं को उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल को देखने का एक नया नजरिया मिल सकता है। यह यहां के निवासियों के लिये विकास के नये द्वार खोलने वाला साबित हो सकता है।
उल्लेखनीय है इन दो स्थानों के अलावा भी प्रधानमंत्री मोदी ने कुमाऊं मंडल के गंगोलीहाट, गोलू देवता, कैंची धाम, नंदा देवी, कटारमल, नारायण आश्रम व कसारदेवी आदि कई अन्य धार्मिक स्थलों के नाम भी पिथौरागढ़ में जनसभा को संबोधित करते हुए लिये थे। इन स्थानों का भी प्रधानमंत्री के संज्ञान में होना भी कुमाऊं मंडल वासियों में भविष्य की नयी आशाएं जगाने वाला हो सकता है।