महुआ मोइत्रा केस में तृणमूल कांग्रेस ने तोड़ी चुप्पी, पहले जांच पर नजर -बाद में पार्टी लेगी निर्णय

सोशल मीडिया पर इस बारे में दावे किए जा रहे थे कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले में महुआ मोइत्रा का साथ छोड़ दिया है।

Update: 2023-10-23 10:12 GMT

महुआ मोइत्रा केस में तृणमूल कांग्रेस ने तोड़ी चुप्पी 

कोलकाता।  पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से घूस लेकर संसद में अदानी के खिलाफ सवाल पूछे जाने के मामले पर आखिरकार उनकी पार्टी ने मुंह खोला है। लंबे समय की चुप्पी के बाद रविवार को पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डेरेक ओब्रायन ने कहा है कि महुआ के खिलाफ जो जांच चल रही है, उस पर पार्टी की नजर है। जो कुछ सामने आता है उसी के मुताबिक पार्टी फैसला लेगी।

पिछले हफ्ते शनिवार से ही यह मामला चल रहा था लेकिन तृणमूल कांग्रेस ने इस मामले पर चुप्पी साथ रखी थी। अब करीब हफ्ते भर बाद डेरेक ने कहा कि महुआ के बारे में जो कुछ भी चीजें सामने आ रही हैं और अखबारों में छप रही है, उस पर पार्टी की पैनी नजर है। जांच के बाद इस बारे में फैसला लिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि उनके खिलाफ जो कुछ भी आरोप लगे हैं उस बारे में उनसे जवाब मांगा गया है। महुआ को पार्टी ने स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।डेरेक ने कहा कि महुआ के खिलाफ जो भी आरोप लगे हैं उस बारे में उन्हें स्थिति स्पष्ट करने का परामर्श पार्टी की ओर से दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि महुआ एक निर्वाचित सांसद हैं। इसलिए उनके बारे में संसदीय पैनल पहले जांच करें उसके बाद पार्टी भी उपयुक्त फैसला लेगी।

उल्लेखनीय है कि महुआ मोइत्रा के मामले में तृणमूल कांग्रेस की चुप्पी को लेकर सवाल पूछे जाने पर तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने इसके पहले कहा था कि इस मामले में तृणमूल कांग्रेस को कुछ भी नहीं कहना है। जिन पर आरोप है वही ठीक से इस बारे में बोल पाएंगे। सोशल मीडिया पर इस बारे में दावे किए जा रहे थे कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले में महुआ मोइत्रा का साथ छोड़ दिया है। पार्टी किसी भी तरह से ऐसे किसी कारोबारी से घूस में रुपये और महंगे उपहार लेकर संसद में किसी दूसरे कारोबारी के खिलाफ सवाल पूछे जाने के पक्ष में नहीं है। खास बात यह है कि बंगाल में डीप सी पोर्ट बनाने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सपने को साकार करने में अडानी की भूमिका बहुत बड़ी है। हल्दिया पोर्ट की जिम्मेदारी राज्य सरकार की ओर से अडानी को ही सौंपी गई है। इन सब के बीच महुआ ने जो रुख अख्तियार किया है उससे पार्टी समस्या में पड़ी है।

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