मणिपुर में मोदी सरकार को मिली बड़ी सफलता, सबसे पुराने उग्रवादी संगठन UNLF ने किया सरेंडर
यूएनएलएफ ने केंद्र और राज्य सरकार के साथ त्रिपक्षीय शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए
इंफाल। मणिपुर में केंद्र सरकार को बड़ी सफलता मिली है। यहां सबसे पुराने विद्रोही गुट यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) ने आज नई दिल्ली में शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।संगठन ने बुधवार को सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए और हिंसा छोड़ने पर सहमति व्यक्त की है। यह समझौता पूरे पूर्वोत्तर, विशेषकर मणिपुर में शांति के एक नए युग की शुरूआत करने वाला है।
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में स्थायी शांति स्थापित करने के लिए मोदी सरकार के अथक प्रयासों को मिली सफलता में एक नया अध्याय जुड़ गया है। उन्होंने कहा, “मैं लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में उनका स्वागत करता हूं और शांति और प्रगति के पथ पर उनकी यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं।”
शाह ने आगे कहा कि " भारत सरकार और मणिपुर सरकार द्वारा यूएनएलएफ के साथ शांति समझौता छह दशक लंबे सशस्त्र आंदोलन के अंत का प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सर्वसमावेशी विकास के दृष्टिकोण को साकार करने और पूर्वोत्तर भारत में युवाओं को बेहतर भविष्य प्रदान करने की दिशा में यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। "
पांच उग्रवादी संगठन बैन -
बता दें की मणिपुर में पिछले कुछ माह से अस्थिर हालातों को देखते हुए केंद्र सरकार ने 13 नवंबर 2023 को मणिपुर के यूएनएलएफ समेत पांच उग्रवादी संगठन बैन कर दिए थे। यह बैन इनकी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और सुरक्षा बलों पर घातक हमले करने के कारण लगाया गया।इस प्रतिबंध के राज्य के सबसे पुराने और बड़े विद्रोही गैंग ने सरेंडर कर दिया है।