नूंह हिंसा की पीड़िता ने बताया मंदिर पर हमले का खौफनाक मंजर, हिंदू महिलाओं के रेप की फिराक में थे मुस्लिम कट्टरपंथी
पीड़िता ने बताया हिंदू श्रद्धालुओं का बचाव कर रहे बजरंग दल के संयोजक को पहले गोली मारी फिर गला काटा
नूंह। हरियाणा के नूंह जिले में गत सोमवार को शिव मंदिर से निकली गई जलाभिषेक यात्रा के दौरान सिलामिक कट्टरपंथियों की भीड़ ने हिंदूओं पर पथराव शुरू कर दिया था। मेवात से भड़की हिंसा की आग आसपास के पांच जिलों तक पहुंच गई है। हिंसा के दौरान मुस्लिम कटटरपंथियों ने नूंह में स्थित एक राममंदिर को निशाना बनाया था। यहां फंसे श्रद्धालुओं की गाड़ियों में आग लगा दी। हिंसा में फंसे पीड़ितों के अनुसार दंगाई पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। साथ ही आवाज लगा रहे थे सभी को जिन्दा जला दो, मंदिर में आग लगा दो।
एक हिंदू महिला ने सुदर्शन न्यूज को दिए इंटरव्यू में मंदिर में हुई दिल दहला देने वाली हिंसा की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुस्लिम कट्टरपंथियों की भीड़ किस तरह हिंदू युवकों पर गोलियां बरसा रही थी एवं महिलाओं की इज्जत लूटने की कोशिश कर रहे थे, किन हालातों में बचकर वे लोग बाहर आएं है।हिंसा का जिक्र कर महिला का दर्द आंसूं बन कई बार सामने आया।
उन्होंने बताया कि, मंदिर में जब अचनाक से गोलियां चलने लगी तो कई हिन्दू श्रद्धालु मंदिर के बाहर थे। “हमने अपने भाइयों को मरते देखा। हम जानते हैं कि हमारे भाइयों को कैसे गोली मारी गई। हमारे पास उनके घावों को ढँकने के लिए पट्टियाँ भी नहीं थीं। इसलिए हमने उन पर अपनी चुन्नी और दुपट्टा बाँध दिया।“उस दौरान बिजली काट दी गई थी। मुस्लिम युवक हिंदू महिलाओं की इज्जत लूटने के लिए रात होने का इंतजार कर रहे थे। ये हम ही जानते हैं कि कैसे हमने अपनी इज्जत बचाई।”
क्या हम मरने के लिए वहां गए थे -
उन्होंने व्यथा सुनाते हुए कहा की काफी देर तक हम मंदिर के अंदर बंधक बने रहे , हमारे पास वहां पीने के लिए पानी भी नहीं था। हमने शिवलिंग पर चढ़ाए जाने वाले जल से अपना गला तर किया। उन्होंने कहा कि इन हालातों में हम क्या कर सकते थे? वे हिंसा के लिए हम पर आरोप लगा रहे हैं। यदि हम ऐसा करना चाहते तो क्या हम अपने बच्चों को साथ लाते? क्या हम मरने के लिए अपनी माताओं और बुजुर्गों को अपने साथ वहाँ लाएँगे? क्या महिलाओं और बच्चों का हमारे लिए कोई मूल्य नहीं है? “क्या हम मरने के लिए वहाँ गए थे? क्या हम वहाँ दर्शन नहीं कर सकते? ये लोग (मुस्लिम) अपना जुलूस निकालते हैं। क्या हम में से किसी को उन पर आपत्ति है? हमारे पास पीने का पानी तक नहीं था।"
पुलिस बल नहीं था मौजूद -
महिला ने आगे बताया कि वहां कोई पुलिस बल मौके पर मौजूद नहीं था। काफी देर बाद पुलिस पहुंची उसके बाद हम लोग वहां से निकल सके। हमें अपनी जान बचाने के लिए गाड़ियों के नीचे और खेतों के बीच से रेंगकर निकलना पड़ा। हमें जानवरों की तरह सरकारी बसों में ठूँस दिया गया था।
बजरंग दल के संयोजक का गला काटा -
उन्होंने बताया की दंगाइयों ने पानीपत बजरंग दल के प्रखंड संयोजक अभिषेक चौहान उर्फ अभिषेक राजपूत की हत्या कर दी। अभिषेक को पहले गोली मारी गई, फिर उनका गला काट दिया गया था। अभिषेक की बहादुरी को लेकर एक अन्य महिला ने कहा था कि वह महिलाओं को बचाने के खातिर अपनी जान गँवा दी।
हरियाणा को योगी आदित्यनाथ जैसा मुख्यमंत्री मिले -
महिला ने राज्य सरकार के दंगे रोकने के प्रयासों पर सवाल उठाते हुए कहा की हम मैं सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी से हाथ जोड़कर अनुरोध करना चाहती हूँ कि हम 2024 में तभी वोट करेंगे, जब आप मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को बर्खास्त करेंगे।” उनके स्थान पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे योग्य और कुशल किसी व्यक्ति को वे यहां मुख्यमंत्री बनाएंगे। वर्तमान मुख्यमंत्री 2000-2500 महिलाओं को नहीं बचा सके तो दूसरों को कैसे बचाएँगे?