Digital Rape: डिजिटल रेप क्या है? जानिये इसमें सजा और कानूनी प्रावधान क्या है
Digital Rape: वर्तमान में डिजिटल रेप के मामले काफी ज्यादा बढ़ गए हैं l जानिये इसकी पूरी डिटेल l
Digital Rape: वर्तमान में डिजिटल रेप के मामले इतने ज्यादा बढ़ रहे हैं कि हर कोई सोच में पड़ गया है कि आखिरकार डिजिटल रेप कैसे संभव हो सकता है l इसीलिए जानते हैं कि कैसे और क्या होता है डिजिटल रेप?
डिजिटल रेप कि बात करें तो यह ऐसा यौन अपराध है जिसमें बिना सहमति के किसी व्यक्ति के निजी अंगों में उंगलियों या किसी अन्य वस्तु का उपयोग किया जाता है। यह अपराध कानूनी दृष्टिकोण से भी बहुत गंभीर माना जाता है और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 375 में शामिल है। वैसे तो बलात्कार को शारीरिक संबंध बनाने के रूप में समझा जाता था, लेकिन डिजिटल रेप ने बलात्कार की परिभाषा को विस्तार दिया है l और इसमें बलात्कार सिर्फ शारीरिक संबंधो तक अब सीमित नहीं रह गया है l
भारत के कानून में डिजिटल रेप
भारतीय कानून में, बलात्कार की परिभाषा 2013 में हुए संशोधनों के बाद और अधिक व्यापक हो गई है। अब इसमें यौन उत्पीड़न के विभिन्न रूपों को शामिल किया गया है, जिनमें से डिजिटल रेप भी है। आपको बता दें कि IPC की धारा 375 बलात्कार को परिभाषित करती है l जिसमें बताया गया है कि बलात्कार का मतलब केवल शारीरिक संभोग नहीं है। इसके अंतर्गत किसी भी तरह की गैर सहमति को डाला गया है l जिसमें उंगलियों या वस्तुओं का इस्तेमाल होता है, उसे बलात्कार माना जाएगा। यह संशोधन 2012 में निर्भया कांड के बाद आया, जिसने देश में यौन उत्पीड़न और महिलाओं के खिलाफ अपराधों को लेकर भारी हिंसा और बहस छेड़ी थी।
डिजिटल रेप में सजा और कानूनी प्रावधान क्या है
भारत में डिजिटल रेप को लेकर कड़ी सजा का प्रावधान है l जिसमें भारतीय दंड संहिता के तहत इस अपराध को करने वाले को 10 साल तक की जेल या उससे अधिक की सजा भी हो सकती है। इसके साथ ही इस तरह के अपराध करने वाले को जमानत भी नहीं मिलती है l यह गैर जमानती अपराध की श्रेणी में आता है l यानी कि दोषी को तुरंत जमानत नहीं मिलता है l