Bhadrapada Amavasya: कब है इस साल की भाद्रपद अमावस्या? जानें पूजा और स्नान-दान का शुभ मुहूर्त

भाद्रपद अमावस्या के दिन पितरों की सेवा करने और गंगा स्नान करने से जीवन में आने वाली कठिनाइयां समाप्त हो जाती हैं।

Update: 2024-08-31 03:41 GMT

अमावस्या तिथि हिंदू धर्म में बेहद महत्व रखती है। इस दिन लोग धार्मिक कार्यों को करते हैं। इस बार भाद्रपद यानी भादो अमावस्या भी खास है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद अमावस्या के दिन पितरों की सेवा करने और गंगा स्नान करने से जीवन में आने वाली कठिनाइयां समाप्त हो जाती हैं। यही नहीं जीवन खुशियों से भर जाता है। ऐसे में जरूरी है कि इसके पूजा पाठ और शुभ मुहूर्त के बारे में जान ले क्योंकि अभी भी इस भाद्रपद अमावस्या को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है। 

कब है भाद्रपद अमावस्या?

इस साल भाद्रपद अमावस्या 2 सितंबर, 2024 सोमवार को सुबह 05 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 3 सितंबर को सुबह 07 बजकर 24 मिनट पर इसका समापन होगा। मान्यताओं के अनुसार अमावस्या तिथि में स्नान और दान करना उदयातिथि में अधिक मान्य होता है, इसलिए भाद्रपद अमावस्या 2 सितंबर को ही मनाई जाएगी।

भाद्रपद अमावस्या का शुभ मुहूर्त 

इस बार भाद्रपद अमावस्या सोमावर को पड़ रही है यानी सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी। जिसके स्नान-दान का शुभ मुहूर्त सुबह 04 बजकर 38 मिनट से लेकर सुबह 05 बजकर 24 मिनट के बीच रहेगा। वहीं, पितरों का श्राद्ध कर्म दोपहर 12 बजे के बाद, सूर्यास्त से पहले कभी भी किया जा सकता है।

भाद्रपद अमावस्या की पूजा विधि

  • प्रातः काल में उठकर स्नान दान करें। 
  • इस दिन गंगा नदी में स्नान करने का अधिक महत्व है हो सके तो गंगा स्नान करें। 
  • भगवान सूर्य और अपने पितरों को जल अर्पित करें उनसे अपने जीवन की खुशहाली की मांग कर सकते हैं। 
  • पितरों की शांति के लिए पितृ पूजा और पितृ तर्पण करें।
  • इस दिन दान-पुण्य करना अत्यधिक पुण्यदायी होता है इसलिए गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन और वस्त्र जैसी चीजें दान करें।
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