भोपाल(हिस)। कांग्रेस और उसके नेता हिन्दू विरोधी मानसिकता से ग्रसित हैं। वे आतंकवादियों को तो सम्मान देते हैं, लेकिन राष्ट्रवादी संगठनों और व्यक्तियों के खिलाफ जहर उगलते हैं। कांग्रेस और उसके नेताओं का बस यही एजेंडा है कि 'मंदिर नहीं बनने देंगे, शाखा नहीं चलने देंगे'। इसीलिए कांग्रेस ने अपने वचन-पत्र में संघ की शाखाओं में सरकारी कर्मचारियों के शाखाओं में जाने पर रोक लगाने की बात कही है। अपने इस कृत्य के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, दिग्विजयसिंह और कांग्रेस पार्टी के देश तथा प्रदेश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए। यह बातें रविवार को भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने मीडिया के चर्चा करते हुए कही।
भाजपा कार्यालय में रविवार को हुई प्रेस वार्ता में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस शुरू से अयोध्या में राममंदिर बनाए जाने की विरोधी रही है। सोनिया गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट देकर कहा था कि भगवान राम वास्तव में नहीं हैं, बल्कि एक काल्पनिक किरदार हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के ही एक और नेता तथा एडव्होकेट कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की सुनवाई 2019 तक टालने का आग्रह किया था और कोर्ट के बहिष्कार की चेतावनी भी दी थी। यही नहीं, बल्कि कांग्रेस के नेता दिग्विजयसिंह ने तो यहां तक कहा था कि अयोध्या में विवादित जमीन पर मंदिर नहीं बनेगा, जबकि न्यायालय ने कभी भी उस भूमि को विवादित नहीं कहा, सिर्फ वहां पर मौजूद ढांचे को विवादित कहा था।
पात्रा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस और उसके नेता सिमी जैसे आतंकी संगठनों को खतरा नहीं मानते, लेकिन हिंदुओं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे राष्ट्रवादी, सेवाभावी संगठनों से खतरा महसूस करते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने विदेश दौरे में आरएसएस की तुलना मुस्लिम ब्रदरहुड जैसे आतंकवादी संगठन से की थी, जिसकी पूरे देश में निंदा हुई थी। वहीं, कांग्रेस के ही नेता दिग्विजयसिंह 26/11 के हमले पर पाकिस्तान को क्लीन चिट देते हैं, जाकिर नाइक जैसे लोगों से गले मिलते हैं, दुर्दांत आतंकवादी ओसामा बिन लादेन के मारे जाने पर मातम मनाते हैं और उसे 'ओसामा जी' कहकर सम्मान देते हैं, लेकिन संघ जैसे संगठन को हमेशा कोसते रहते हैं। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह ने स्वयं ये कहा है कि उनके मुंह खोलने से भारतीय जनता पार्टी को फायदा होता है। अब उन्होंने एक बार फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और हिन्दुओं को कोसना शुरू कर दिया है, जो आगामी चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी के लिए अच्छा संकेत है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक सेवाभावी, सामाजिक संगठन है। केरल की बाढ़ के दौरान संघ के स्वयंसेवकों ने बिना किसी भेदभाव के पीडि़तों की जो सेवा की है, वो किसी से छिपी नहीं है। इसके अलावा संघ के आनुषांगिक संगठन भी सेवा और सृजनात्मक कार्यों में लगे हैं। कांग्रेस अपने वोट बैंक को साधने के लिए संघ को राजनीतिक संगठन बताकर उसकी बुराई करती है, जबकि पूर्व में न्यायालय द्वारा संघ को सामाजिक संगठन घोषित किया जा चुका है। ऐसे में कांग्रेस को अपनी इस गलती के लिए पूरे देश से माफी मांगना चाहिए।
संबित पात्रा ने कहा कि जिस तरह कांग्रेस ने देश में इमर्जेंसी के दौरान विभिन्न संगठनों पर प्रतिबंध लगाया था, अब कांग्रेस का वचन-पत्र उसी की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि दिग्विजयसिंह के बोलने पर कांग्रेस के वोट इसलिए कटते हैं, क्योंकि वे गंदी भाषा का इस्तेमाल करते हैं। हाल ही में उनका एक बयान आया है कि 'मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के लिए चौराहा ढूंढ रहा हूं'। वहीं कांग्रेस के एक अन्य नेता ने कहा था कि 'नरेंद्र मोदी को जिंदा जला देंगे'। पात्रा ने कहा कि कांग्रेस के इन नेताओं द्वारा जिस तरह की भाषा का प्रयोग किया जा रहा है, वह निंदनीय है और इन नेताओं को प्रधानमंत्री मोदी जैसे लोकप्रिय, विश्वस्तरीय नेता के खिलाफ इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करने के लिए माफी मांगनी चाहिए।